खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान

यूपी। रबी फसलों की बुवाई के बीच उत्तर प्रदेश में किसानों को खाद की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है. सुबह से लाइन में लगने के बाद भी किसान खाद से वंचित रह जा रहे हैं. हालांकि, उधर प्रशासन कह रहा है कि खाद की कोई कमी नहीं है, किसानों को खाद मुहैया कराया जा रहा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और निकल कर सामने आ रहा है. लखनऊ के निगोहा थाना क्षेत्र स्थित खाद केंद्र पर सुबह 7 बजे से लाइन लगने के बाद भी किसानों को दोपहर हो जाने तक खाद नहीं मिल पा रही है.

किसान आरोप लगा रहे हैं कि कुछ लोगों को दूसरे रास्ते से बुलाकर खाद दी जा रही है. 80 साल की कलावती जो सुबह 6:00 बजे से ही लाइन में लगे हैं लेकिन उनको खाद नहीं मिली है. बुजुर्ग कलावती को सिर्फ 1 बोरी खाद की जरूरत है. प्रशासन इसे भी देने में असमर्थ नजर आ रहा है. खाद लेने के लिए उन्नाव से लखनऊ तक साइकिल चलाकर आए श्यामू के मुताबिक कहीं भी खाद नहीं मिल रही है. सिर्फ एक बोरी खाद लेने के लखनऊ आए हैं. अगर खाद नहीं मिली तो रबी की फसल चौपट हो जाएगी. फिलहाल यहां भी खाद नहीं होने की बात कही जा रही है.

खाद की किल्लत के बीत कृषि मंत्री लगातार बैठक कर रहे हैं. प्रदेश के लिए कुल 10 रैक प्रतिदिन के हिसाब से खाद मंगाने की बात कही गई है. माना यह भी जा रहा है कि 195000 मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक का जनपदों में उपलब्ध है. भारतीय किसान यूनियन आराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा के मुताबिक, 50 किलो खाद की कीमत लगभग 1350 रुपए निर्धारित है. एक हेक्टेयर में दो बोरी खाद का इस्तेमाल होता है. फिलहाल पूरे प्रदेश में खाद केंद्रों पर ताले लगे हुए हैं. खाद की किल्लत से बुजुर्ग हो या जवान सभी किसान जूझ रहे हैं.

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