प्रस्तावित नवीन उपखंड के संबंध में गठित जांच दल से डॉ.शांति कैवर्त्य ने किया: अपने सुझाव पर विचार-विमर्श करने का आग्रह

नवीन उपखंड स्थापना के लिए भगवान जगन्नाथ स्वामी की मूल भूमि-शिवरीनारायण ही : सर्वाधिक उपयुक्त स्थल है।

शिवरीनारायण — राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नवीन उपखंड शिवरीनारायण हेतु छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशित प्रारंभिक सूचना दिनांक 26 दिसंबर 2022 के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार मंडल छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सदस्य डॉ.शांति कुमार कैवर्त्य ने अपने पत्र दिनांक 22 फरवरी 2023 के माध्यम से सचिव ,छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय नया रायपुर को प्रस्तावित नवीन उपखंड शिवरीनारायण को सृजन करने के दावे को मजबूत प्रदान करते हुए चार पृष्ठीय सुझाव पत्र प्रेषित किए थे। जिसमें मुख्य रूप से यहां की ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक, व्यापारिक,प्रशासनिक, आवागमन के साधन आदि वैशिष्ट्य पर सारगर्भित प्रकाश डाला गया है। वही व्यापारी संघ नवागढ़ के द्वारा आपत्ति दर्ज किया गया है। जिस पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जिला जांजगीर चांपा द्वारा प्रस्तावित नवीन उपखंड शिवरीनारायण या नवागढ़ में से स्थापना हेतु उपयुक्त होने के संबंध में विस्तृत जांच हेतु जांच दल का गठन किया गया है। 6 सदस्यीय इस जांच दल के अध्यक्ष कमलेश नंदिनी साहू अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जांजगीर है। जिन्हें डॉ. शांति कुमार कैवर्त्य ने 22 फरवरी 2003 को सचिव छत्तीसगढ़ शासन राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय रायपुर को प्रेषित अपने सुझाव की प्रति संलग्न कर इस सुझाव पत्र पर जांच दल से विचार-विमर्श कर जांच प्रतिवेदन कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जिला: जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़ के समक्ष प्रस्तुत करने का आग्रह किया है और प्रावधान होने पर जांच प्रतिवेदन की प्रति उन्हें उपलब्ध कराने का भी निवेदन किया है।
जिले के वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी केसरवानी ने कहा है कि प्रशासनिक विकेंद्रीकरण की दृष्टिकोण से राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नवीन उपखंड शिवरीनारायण की प्रक्रिया शुरू होते ही इस पर कुछ व्यक्तियों द्वारा क्षेत्रीय भावना व स्वार्थवश अनावश्यक ही व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। इसी कड़ी में 25 फरवरी 2023 को नवागढ़ के एक वकील पितांबर केसरवानी ने मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी थी और व्यापारी संघ नवागढ़ द्वारा आपत्ती किया गया है। जिससे प्रस्तावित नवीन अखंड शिवरीनारायण की स्थापना में विलंब हो रहा है। उन्होंने आपत्ति कर्ताओं को क्षेत्र के विकास में अपनी क्षेत्रीय भावना से ऊपर उठकर हठधर्मिता त्याग कर सर्वाधिक उचित स्थान शिवरीनारायण में उपखंड कार्यालय की स्थापना में सहयोग करने का निवेदन किया है।


पिछड़ा वर्ग सलाहकार मंडल छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सदस्य डॉ. शांति कुमार केवट एवं पत्रकार अश्वनी केसरवानी ने एक संयुक्त रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ब्रिटिश शासन काल में शिवरीनारायण को तहसील का दर्जा प्राप्त था। जिसमें जांजगीर व नवागढ़ शामिल थे। इसे कालांतर में 18 91 को स्थानांतरित कर जांजगीर को तहसील बना दिया गया। तब क्षेत्र की निश्चल जनमानस ने शिवरीनारायण तहसील मुख्यालय स्थानांतरण पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। यहां ऑनरेरी मजिस्ट्रेट का भी कार्यालय रहा है। वर्तमान में यहां तहसील मुख्यालय है और यहां सिविल कोर्ट तथा अनुविभागीय अधिकारी( पुलिस) कार्यालय की स्थापना प्रक्रियाधीन है। धार्मिक ऐतिहासिक व्यापारिक नगरी शिवरीनारायण की महत्व ,गरिमा तथा काल परिस्थितियों के दृष्टिकोण से प्रशासनिक विकेंद्रीकरण के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा यहां उपखंड प्रस्तावित किया जाना काफी स्वागतेय कदम है। इसे लेकर क्षेत्र की जनता में भी हर्ष व्याप्त है।
शिवरीनारायण छत्तीसगढ़ का महानतम धार्मिक स्थल है जो त्रेतायुगीन रामायण कालीन शिरोमणि भक्त माता शबरी की जन्मभूमि सहित भगवान स्वामी जगन्नाथ जी की मूल भूमि और छत्तीसगढ़ की धन धान्य की अधिष्ठात्री देवी मां अन्नपूर्णा जी की सुवाषित भूमि है। जहां छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ा ऐतिहासिक मंदिर नर- नारायण की है
यहां प्रतिवर्ष 15 दिनों का छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा मेला लगता है
जहां देश-विदेश के लाखों साधु-संत, महात्मा, धर्माचार्य, श्रद्धालु-भक्तजन, व्यापारी और आमजन आते हैं। शासन द्वारा मांस मदिरा से मुक्त इस पावन धार्मिक स्थल में वर्ष भर अनेक धार्मिक, सामाजिक व रचनात्मक गतिविधियों के अनेक आयोजन होते रहते हैं। जिसमें धर्माचार्य, साधु-संत, विशिष्ट जन और जनमानस का जमावड़ा रहता है। साथ ही शासन के मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारियों सहित माननीय हाईकोर्ट के जजेस का आना जाना लगा रहता है ।देश के कोने-कोने से पर्यटक काफी संख्या में यहां आते हैं। पर्यटक व सैलानी महानदी संगम पर नौका विहार का भरपूर आनंद उठाते हैं।
ब्रिटिश शासन काल में स्थापित रेस्ट हाउस से नदी संगम, नौका विहार और प्राकृतिक सुंदरता के अनुपम छटा देखा जा सकता है। पर्यटकों व्यवसायियों व अन्य लोगों ठहरने के लिए सर्व सुविधा युक्त अनेक छोटे, मध्यम और उच्च स्तरीय होटल्स हैं। जिसमें ” राघव-इन्न ” थ्री स्टार स्तरीय होटल सहित अमन पैलेस, होटल विश्व गीता, श्री हरी पैलेस होटल जैसे अनेक महत्वपूर्ण होटल है। इसके अलावा उच्च स्तरीय रेस्टोरेंट जिसमें महालक्ष्मी रेस्टोरेंट एंड स्वीट्स, कान्हा स्वीट्स आदि रेस्टोरेंट्स और भोजनालय प्रमुख हैं। यहां सराफा व्यवसाय काफी उन्नत अवस्था में है लगभग 40 ज्वेलर साफ है जिसमें मुख्य रुप से शुभ-लक्ष्मी ज्वेलर्स, श्री हरि ज्वेलर्स, श्री शबरी ज्वेलर्स प्रमुख है। इसके अतिरिक्त इस पावन धर्म में देश के ख्याति लब्ध तनिष्क एवं अनूप चंद-त्रिलोक चंद की ज्वेलरी शोरूम भी अतिशीघ्र शुभारंभ होने वाली है। यहां कपड़ा मार्केट में आलीशान शोरूम जैसे लक्ष्मी वस्त्रालय, जवाहर क्लॉथ स्टोर, श्याम कलेक्शन, प्राची वस्त्रालय आदि मुख्य हैं।बर्तन बाजार भी उन्नत अवस्था में है। इसी तरह जूते की अनेक शोरूम जैसे मुफद्दल होलसेल, वर्षा शू हाउस, नेशनल बूट हाउस ,डायमंड शू हाउस आदि है। इस महत्वपूर्ण व्यापारिक नगरी में अनेक सार्वजनिक बैंक, निजी बैंक और फाइनेंस कंपनियां है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक ,को ऑपरेटिव बैंक ,आईडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, एचडीएफसी बैंक ,आईसीआईसीआई बैंक,एस एफ स्मॉल फाइनेंस बैंक सहित माइक्रोफाइनेंस लिमिटेड, अन्नापूर्णा माइक्रो फाइनेंस, एलटीडी आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस ऑफिस ,फ्यूजन माइक्रोफाइनेंस ऑफिस, बंधन फाइनेंसियल आदि है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अनेक महत्वपूर्ण चिकित्सालय हैं जिनमें शासकीय सिविल डिस्पेंसरी, लक्ष्मणेश्वर धाम खरौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा विनायक हॉस्पिटल, बघेल हॉस्पिटल, दुर्गा देवी हॉस्पिटल, गौतम हॉस्पिटल, विश्वास आयुर्वेदिक सेंटर आदि है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की जेनेरिक मेडिकल सहित ज्योति मेडिकल, शिवरात्रि मेडिकल, गरिमा आदि मेडिकल की दुकाने संचालित है। अनेक रोशन की दुकाने हैं। जिनमें हेमंत किराना सुपरमार्केट ,प्रदीप किराना मुख्य है।आधुनिक शॉपिंग कांप्लेक्स शुभम के मार्ट का शुभारंभ हाल ही में हुआ है। ज्योति मोटर्स का कंप्यूटराइज्ड डायग्नोसिस वर्कशॉप शोरूम का शुभारंभ कुछ माह पूर्व हुआ है। इस व्यापारिक नगरी में चार पहिया ऑटोमोबाइल्स सहित आईसर ट्रेक्टर एजेंसी ,महिंद्रा ट्रैक्टर एजेंसी, मारुति कार शोरूम तथा किया कंपनी की कार और स्कार्पियो व बोलेरो शोरूम शीघ्र प्रारंभ किया जाना है।इसके अतिरिक्त बिल्डिंग मटेरियल की अनेक ट्रेडर्स हैं। यहां पेट्रोलियम में 4 पेट्रोल पंप एवं दो गैस एजेंसियां है। शैक्षिक दृष्टिकोण से उन्नत इस नगर क्षेत्र में अनेक महाविद्यालय ,इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित की जा रही है जिसमें महंत लाल दास महाविद्यालय व शिक्षण महाविद्यालय, शासकीय स्कूलों सहित तक्षशिला इंटरनेशनल स्कूल व अन्य प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल और शैक्षिक व प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सेंटर है।
यहां से 3 किलोमीटर की दूरी पर छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मेश्वर शिवलिंग स्थापित है जिनके नाम पर शासकीय लक्ष्मेश्वर स्नातकोत्तर महाविद्यालय संचालित की जा रही है। यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर भव्य मेला लगता है और श्रावण मास में भक्त-श्रद्धालुओं का रेला रहता है।हाल ही में यहां से 5 किलोमीटर दूर ग्राम तेंदुआ में देश के महान दिव्य संत तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज जी ने” श्री राघव कुटीर-राम मिलेंगे आश्रम ” एवं श्री राम जी की भव्य विशाल मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किए हैं। जहां 15 एकड़ के मंदिर परिसर में विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित हो गई। जिसमें मुख्य रुप से माता कौशल्या की गोद में बैठे रामलला वाली भव्य मूर्ति की स्थापना की जाएगी।
श्री राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि-कोसला पामगढ़ के पास स्थित है। जहां पर्यटक श्रद्धालु जन आते रहते हैं इस पावन धरा पर समय-समय पर अनेक धार्मिक आयोजन भी होता है। जिसके धार्मिक विकास के लिए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राशि आवंटन की मांग की गई है। यहां से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरु घासीदास की जन्मस्थली है। जहां प्रतिवर्ष तीन दिवसीय विशाल मेले का आयोजन होता है। इस पावन धरा के समीप ही छत्तीसगढ़ स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम अमर शहीद वीर नारायण सिंह की जन्मभूमि-सोनाखान है।जिनके कुल गुरू-भूमि यह पावन धरा शिवरीनारायण ही है। जिनके कुलगुरू नर-नारायण मंदिर शिवरीनारायण के पुजारी परिवार के स्वर्गीय श्री बाला पुजारी जी रहे हैं। गुरु घासीदास एवं अमर शहीद वीर नारायण सिंह की कर्मभूमि यही शिवरीनारायण ही है।जहां नटराज चौक के पास सतनाम पंथ का गुरुद्वारा स्थित है और यहीं पर कभी एक खड़ा साधु तपस्या किया करते थे। वे खड़े होकर ही अपनी दैनंदिनी के कार्य किया करते थे। इसके पास ही अमर शहीद वीर नारायण सिंह द्वारा स्थापित उनके कुलदेव कुर्रु-पाठ स्थित है। इसके अतिरिक्त मंदिरों और धार्मिक प्रबंधन के सुचारू संचालन के लिए श्री भगवान शिवरीनारायण न्यास है। वही महानदी के दूसरे तट पर भगवान गिरधारी के नाम से स्थित ग्राम गिधौरी में श्री विश्राम वट का पवित्र स्थान है। जहां पर श्री राम जी अपने वनवास काल में कुछ समय के लिए विश्राम किए थे। ऐसे पावन ग्राम से राष्ट्रीय राजमार्ग 130 भी गुजरता है और दुर्ग से खरसिया तक 256 किलोमीटर तक नई रेल लाइन विस्तार में शिवरीनारायण को ए ग्रेड रेलवे स्टेशन का दर्जा दिया जा सकता है।जिससे रेल लाइन का लाभ क्षेत्रवासियों को मिलने के साथ ही दूरदराज के श्रद्धालु और पर्यटक यहां रेल से पहुंच पाएंगे। शिवरीनारायण का यह वैशिष्ट्य सहित यहां की भौगोलिक स्थिति, जनसुविधा, राजस्व प्रकरण, कानून व्यवस्था,स्थान उपलब्धता आदि प्रस्तावित नवीन उपखंड शिवरीनारायण की स्थापना के दृष्टिकोण से काफी उचित व उपयुक्त होगा। जो इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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