रायपुर। हिन्दू संवत्सर के पौष माह की पूर्णिमा तिथि पर सोमवार को छेरछेरा पर्व मनाया गया। सुबह से ही बच्चे हाथों में थैला लेकर घर घर पहुंचे और दान मांगा। दान देने के महत्व को दर्शाने वाले छेरछेरा पुन्नी पर श्रद्घालुओं ने अनाज का दान कर पुण्य कमाया। घर पर आई बच्चों की टोली को अनाज, रुपये देकर हंसी खुशी विदा किया।
राजधानी रायपुर के अनेक इलाकों में बच्चे हाथ में टोकनी व झोला लेकर घर-घर में छेरछेरा का दान मांगते नजर आए। दान मांगते समय बच्चों ने ‘छेरी के छेरा छेर-छेर, माई कोठी के धान ला हेर-हेर.’की आवाज लगाई। आवाज सुनते ही घर की महिलाएं बर्तन में अनाज लेकर बाहर आई और खुशी खुशी दान करने की परंपरा निभाई।
दान से सुख समृद्धि
पूर्णिमा को सुबह स्नान, पूजा पाठ करके दान देने से सालभर घर में सुख समृद्धि रहती है। मान्यता है कि पुन्नी के दिन दान करने से राजा बलि के समान सुख-समृद्घि व यश की प्राप्ति होती है।