छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग , वित्त विभाग के वित्त निर्देशों का उड़ा रहा है धज्जियां

 शिक्षा विभाग के सेवा निर्वृत प्राध्यापक / प्रचार्यो के बार बार निवेदन के बाद भी सातवें वेतन मान के जमा एरियर्स की राशि को नही किया जा रहा है भुगतान ।

शिवरीनारायण –– छत्तीसगढ़ शासन,वित्त विभाग के वित्त निर्देश 44 /2018 के आदेश क्रमांक 403/ एफ 2016-04 -03303/ वित्त/ नियम/ 4, नया रायपुर दिनांक 8-8-2018 के तहत सातवें वेतनमान की एरियर्स की राशि को के-डिपॉजिट खाते में जमा कर रखवाया गया था।इसी आदेश के पैरा तीन में यह स्पष्ट उल्लेख है कि “शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति/ मृत्यु दिनांक 01-01-2016 के उपरांत होने की स्थिति में उन्हें वेतन के शेष रहे एरियर्स का भुगतान सेवानिवृत्ति/ मृत्यु की तिथि को एकमुश्त नगद रूप मे शासकीय सेवक अथवा परिवार,जैसी स्थिति हो, को किया जाएगा” इस विशेष आदेश के बावजूद भी उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत महाविद्यालयों के प्राचार्य / प्राध्यापकों के 30 जून 2020 और उसके बाद सेवानिवृत्त हुए अधिकारी कर्मचारियों को जमा एरियर्स राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।संबंधितो द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को भुगतान हेतु आदेश जारी करने हेतु पत्र लिखे जा रहे हैं, किंतु, विभाग द्वारा “आभार आपकी सेवाओं का” कोष लेखा एवं पेंशन पोर्टल के इस अभियान की धज्जियॉ उड़ायी जा रही है। प्रकरण से पीड़ित शासकीय लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय खरौद,जिला जांजगीर चांपा से सेवानिवृत्त हुए प्राचार्य डॉ.ए.आर.बंजारे ने इस संवाददाता से चर्चा करते हुए बताया कि,वह अनुसूचित जाति वर्ग से है तथा प्राथमिकता के आधार पर उन्हें देय राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में उच्च शिक्षा सचिव एवं आयुक्त को तीन-तीन पत्र भेजकर निवेदन किया है, किंतु ,2 वर्षों से प्रकरण को लटका कर रखा गया है।इसी तरह उपादान की राशि भी उन्हें मात्र 70%ही भुगतान किया गया है तथा 30% राशि रोक रखी गई है।तंग आकर व विभाग की कार्यप्रणाली से दुखी होकर डॉक्टर बंजारे ने दिनांक 25 जून 2022 को अनुसूचित जाति आयोग छत्तीसगढ़ को पत्र भेजकर निवेदन किया है, कि,प्रकरण को संज्ञान मे लेते हुए उच्च शिक्षा विभाग को शीघ्र निर्देश देने की कृपा करे

   

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