Big Breking- नियमितीकरण की माँग को लेकर संविदा कर्मचारी भोपाल में 1 अक्तूबर को निकालेंगें दांडी यात्रा, 2 अक्टूबर से हो सकती है अनिश्चितकालीन हड़ताल

@thethinkmedia.com भोपाल

संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने बैठक आयोजित कर संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण सहित अन्य माँगों को लेकर 2 अक्टूबर गांधी जयंती से चरणबद्व आंदोलन का ऐलान किया था , जिसके प्रथम चरण में 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती के पूर्व 1 अक्टूबर को दोपहार 12 बजे दाण्डीयात्रा निकालकर शुरुआत की जायेगी । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के के द्वारा विज्ञप्ति के मध्यम से बातया गया कि म.प्र. सरकार को अनेको बार ज्ञापन देने के बाद भी विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से भर्ती हुये संविदा कर्मचारी आज दिनांक तक नियमित कर्मचारियों से एक चौथाई वेतन पर कार्य कर रहे हैं, उनको कार्य करते हुये 5 से 26 वर्ष हो गये हैं आधे संविदा कर्मचारी अब सेवा निवृत्ति की कगार पर हैं, उसके बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले दरवाजे से नियुक्त हुये पंचायत कर्मियों, गुरूजियों, शिक्षाकर्मियों, मंत्री स्थापना में काम करने वाले कर्मचारियों, जनअभियान परिषद के संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया लेकिन विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से भर्ती किये गये संविदा कर्मचारी अपने हक और अधिकार से आज भी वंचित हैं , जिससे प्रदेश के एक लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है , वहीं सरकार एक लाख पदों पर नियमित भर्ती करने जा रही है , उन्होने कहा हमारा सरकार से मांग है कि पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित करे उसके बाद नई भर्ती सरकार को करनी चाहिए , सरकार द्वारा 5 जून 2018 को संविदा नियमितीकरण की नीति बनाई गई थी जिसका अभी तक किसी विभाग ने पालन नहीं किया है । सारी नस्तियां वित्त विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के बीच झूल रही है। दूसरी तरफ सरकार ने अभी तक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के सबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। जिसके कारण 2 अक्टूबर गांधी जयंती के पूर्व 1 अक्टूबर से दाण्डी यात्रा निकालकर संविदा कर्मचारी चरणबद्व आंदोलन करेंगें ।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने जानकारी देते हुये बताया कि पिछले दरवाजे से कहां – कहाँ नियुक्तियां हुई

(1) पंचायत कर्मी का आदेश क्र. एफ-2-5/22/प-1/08 भोपाल दिनांक 4 सितम्बर 2008 में पंचायत कर्मी जिनकी नियुक्ति संविदा आधार पर की गई थी । इन पंचायत कर्मियों की भर्ती का कोई विधिवत् पैमाना, लिखित परीक्षा आदि नहीं ली गई थी, पंचायत के स्तर पर सरपंचों, ग्राम समुदायों के माध्यम् से भर्ती की गई थी के सबंध में स्पष्ट तौर पर उल्लेख करना उचित होगा कि इनकी भर्ती पूरी तरह से बैकडोर इन्ट्री थी को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समसख्ंयक आदेश क्र. एफ-2-5/22/प-1/08 भोपाल दिनांक 4 सितम्बर 2008 के माध्यम् से नियमित करते हुये नियमित वेतनमान दे दिया गया।

(2) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन का आदेश क्र. एफ-44-6/2014/20-2 दिनांक 10.02.2014 में राज्य शिक्षा केन्द्र राजीव गांधी शिक्षा मिशन की शिक्षा ग्यांरटी योजना में कार्यरत गुरूजियों जिनकी नियुक्ति ग्राम समुदाय, संरपचाों के माध्यम् से की गई थी जो कि व्यापम द्वारा विभागीय परीक्षा भी अनुत्तीर्ण ( फेल) हेा गये थे को बिना किसी परीक्षा के संविदा शिक्षक बनाने के आदेश जारी कर दिये गये थे और यही संविदा शिक्षक तीन वर्ष बाद सहायक अध्यापक संवयिलन होकर नियमित हो जाते हैं जिन्हें नियमित वेतनमान और भत्ते प्रदान किये जाते हैं ।

*(3) मंत्री पदस्थापना में पदस्थ कर्मचारी जो कि बिना किसी मापदण्ड के मंत्री पदस्थापना में रख लिये जाते थे उनको भी म.प्र. शासन वल्लभ भवन में नियमित करने के आदेश जारी कर दिये हैं ।

(4) म.प्र. जनअभियान परिषद में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारी जिनको की राजनैतिक संपर्को के आधार पर नियुक्ति दी की गई थी उनको दिनांक 1 सितम्बर 2018 को गजट नोटिफिकेशन कर संविदा के पदों को नियमित पदों में परिवर्तन कर नियमित कर दिया गया ।

(5) शिक्षा कर्मी जिनकी निुयक्ति पांच सौ रूपये में भाई – भतीजा वाद के आधार पर भर्ती की गई थी उनको शिक्षक बना दिया गया ।

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