भोजली की शोभायात्रा देखने लोगों की उमड़ी भीड़ ।
शिवरीनारायण –– छत्तीसगढ़ राज्य अपनी लोक संस्कृति और सभ्यता के नाम से देश में ही नहीं बल्कि पूरा विश्व में प्रख्यात है यहां की लोक संस्कृति और परंपरा में एक परंपरा भोजली विसर्जन का भी है जिसे भादो माह के प्रथम दिवस को नगर व गांव में युवती व महिलाएं अपने अपने भोजली के थाल को लेकर एक जगह पर एकत्रित हो जाते हैं और गांव या नगर प्रधान की अगुवाई में भोजली की सामूहिक पूजा अर्चना कर महिलाएं मधुर एवं पारंपरिक गीत गाते हुए भोजली को विसर्जन करने नदी या तालाब की ओर चल पड़ते है। ऐसा ही एक नजारा जांजगीर-चांपा जिले के टेंपल सिटी शिवरीनारायण में 12 अगस्त भोजली पर्व पर देखने को मिला जहां नगर पंचायत अध्यक्ष अंजनी तिवारी की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में छोटी-छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग माताओं द्वारा अपने सिर पर भोजली रखकर पारंपरिक नृत्य कर्मा बाजे गाजे के साथ शोभायात्रा निकाला गया जो नगर के सत्संग भवन से निकल कर मेला मार्ग , नगर पंचायत कार्यालय, नटराज चौक ,बॉम्बे मार्केट,थाना रोड,नर नारायण मंदिर मार्ग ,होते हुए बाबा घाट पहुंची जहा सभी ने भक्ति भाव के साथ भोजली की पूजा अर्चना की और भोजली के पारंपरिक गीत देवी गंगा, देवी गंगा लहर तुरंगा, अहो देवी गंगा के गीत महिलाओ ने गाया।
भोजली मित्रता का प्रतीक है जिस तरह युवा पाश्चाात्य संस्कृति का अनुसरण करते हुए फ्रेन्डशिप डे मनाते हैं और एक दूसरे के कलाई में फ्रेंडशिप बैंड बांधकर मित्रता का इजहार करते हैं ठीक उसी तरह प्राचीन काल से छत्तीसगढ़ में भोजली देकर मित्रता को प्रगाढ़ बनाने की परंपरा है। भोजली विसर्जन के दौरान महिलाएं सामूहिक रूप से जो गीत गाती हैं, उसे भोजली गीत कहते हैं। नगर के बाबाघाट में भोजली की विसर्जन किया गया और सभी श्रद्धालुओं को बूंदी प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष अंजनी मनोज तिवारी, अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं पार्षद मनोज तिवारी, उपाध्यक्ष राजेंद्र यादव,शिवशंकर सोनी,निरंजन कश्यप लक्ष्मण चौहान,राम चरण कर्ष, छाया विधायक गोरेलाल बर्मन , लाला आदित्य ,ओम प्रकाश शर्मा,बसंत देवांगन ,शंकर केवट ,उग्रेश्वर गोपाल केवट, धनवीर जाहीरे, प्रतीक शुक्ला, सहित नगर के हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे ।