महिलाओं द्वारा मनाया गया बट सावित्री व्रत

किरंदुल- प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला बट सावित्री व्रत इस वर्ष 19 मई शुक्रवार को मनाया गया। बता दें किरंदुल में भी महिलाओं ने श्री राघव मंदिर परिसर एवं गजराज कैम्प के वट वृक्षों की पूजा अर्चना कर अपने पति के लिए लंबी आयु की कामना किये।
राघव मंदिर प्रधान पुजारी सत्येंद्र प्रसाद शुक्ल ने बताया हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा का विधान है,महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए विशेष पूजा करती हैं।
इसकी पूजा के अन्य भी कई कारण हैं,आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो वट वृक्ष दीर्घायु व अमरत्व के बोध के नाते भी स्वीकार किया जाता है।

मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा,तने में भगवान विष्णु एवं डालियों में शिव शंकर का निवास होता है। इसके अलावा इस पेड़ में बहुत सारी शाखाएं नीचे की तरफ लटकी हुई होती हैं,जिन्हें देवी सावित्री का रूप माना जाता है। बरगद की डाल घर में लाकर सांकेतिक पूजा की व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता है,बट वृक्ष के आसपास स्वच्छता कर वहीं पूजा का आयोजन हो। जिन स्थानों पर बट वृक्ष नहीं है वहां इस पावन तिथि पर इसका रोपण भी किया जाता हैं।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *