सभी आपस मे पुरानी यादें ताज़ा करते हुए आपस मे परिचय संवाद हुवा उसके बाद मिठाई खा कर ग़ुलाल लगा कर सभी ने एक-दूसरे को रंगपचमी की बधाई शुभकामनायें दी किरण भदौरिया साक्षी सुराना परी सुराना सुशीला कुशवाहा मीना कुशवाहा सुमन जॉर्ज वंदना कुशवाहा सुनीता जॉर्ज मीनू दहिया मनकी जैन रेखा विश्वकर्मा सुषमा दास ममता गुप्ता प्रीति वेष्णव सुमन चौहान. रमेश कुशवाहा सुरेश जैन पुतान कछवाहा राकेश कुशवाहा प्रकाश चौहान अनिल जॉर्ज रविंद्र जारी शेख नसीम नविन विश्वकर्मा अवधेश अवस्थी राकेश ओसवाल सुजीत सिँह बैस सूरज सिँह बैस बिसाल कुशवाहा सुनील जैन शसुरेश फूटाने मनीष सुराना दीपक शास्त्री शेष आशिफ़ मीनू हस्बेंड मीठी कुशवाहा आदर्श चौहान कार्यक्रम में सुरेश जैन ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहां गीदम जैसा अपनापन और कहीं नहीं मिला रमेश कुशवाहा ने कहा सन 1982 में आया गीदम उसके बाद के क्रिकेट में दोस्ती में सभी चीजों में गीता में बहुत प्यार मिला और इसी बीच उन्होंने पूछा था मामा को याद करते हुए कहा कि उसे तमाम आने ही सब से मिलाया था मुझे शेख नसीम जी ने कहा है कि दम का बहुत अच्छा माहौल हमेशा रहा है और आज का आयोजन बहुत अच्छा लगा राकेश कुशवाहा ने कहा आज के कार्यक्रम की बधाई देते हुए सभी को आगे भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे ऐसी आशा रखता हूँ
इसी तरह सभी एक एक सदस्य सभी ने अपने अपने अनुभव साझा किए और खुशी के पल दुख के आपस के पुराने पल हर पल को याद करते हैं एक दूसरे से गले मिले गुलाल लगाया सूरत सिंह ठाकुर ने कहा कि मुझे बड़ों से बहुत कुछ बातें पता चली बहुत कुछ सीखने को मिलता है और आज का कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा सुजीत सिंह बैस ने कहा पुराने लोगों के बारे में जो आज आप सभी ने अपना अपना अनुभव साझा किया या मुझे बहुत अच्छा लगा और इस तरह की कार्यक्रम होते रहना चाहिए और गीदम का अलग ही माहौल है आपस में अपनापन है हमेशा ऐसे ही अपनापन और प्यार बना रहे इसी तरह सभी सदस्यों ने अपने अपने अनुभव साझा किए पुरानी बातें यादव की याद की और गाना भी हुआ गाना में महिलाओं ने भी अपना गाने की प्रस्तुति दी सुरेश मामा का गाना का प्रस्तुति दी किरण भदौरिया ने इस आयोजन का मुख्य मकसद मिलन के साथ नई और पुरानी पीढ़ी का वैचारिक आदान प्रदान बताया और कहा इस तरह के कुटुंब परिवार मिलन होते रहना चाहिए|