3 या 4 दिसंबर, जानिए कब है मोक्षदा एकादशी और क्या है इसकी पूजा विधि

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी माना जाता है। कहा जाता है इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। जी हाँ और मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत भी रखा जाता है। कहा जाता है इस व्रत को रखने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी के चलते इसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। जी दरअसल ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन कुछ खास उपाय करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और धन-ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि इस साल मोक्षदा एकादशी तीन दिसंबर 2022 शनिवार को पड़ रही है, हालांकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसकी सही डेट, पूजन का मुहुर्त।

मोक्षदा एकादशी की सही डेट और मुहुर्त- मोक्षदा एकादशी इस साल तीन दिसंबर 2022 यानी कल मनाई जाएगी। जी हाँ और ये शनिवार सुबह 05 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन रविवार सुबह 05 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। मोक्षदा एकादशी का व्रत 03 दिसंबर को रखा जाएगा और इसका पारण 04 दिसंबर यानी रविवार को होगा। भक्त व्रत का पारण सुबह 07:05 बजे से सुबह 09:09 बजे तक कर सकते हैं।

मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि- आज के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत हो लें। इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें। मंदिर में भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक और धूप जलाएं और फिर व्रत का संकल्प लें। अब भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें। उसके बाद उन्हें फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें। अपनी पूजा में रोली, चंदन, धूप, सिंदूर, तुलसी के पत्ते और फूलों को शामिल करें। भगवान विष्णु को मिठाई और फलों का भोग लगाएं। इसके बाद कथा सुनें। कहा जाता है एकादशी की कथा सुनने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना उत्तम रहेगा। जी हाँ और इसके बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें और भगवान विष्णु के बीज मंत्र का जाप करें। पूरे दिन फलहार व्रत रखें और रात के समय जागरण करें। वहीं अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें।

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