गर्भवती और नवजात को बचाने 18 किमी का पैदल सफर, ग्रामीणों ने खाट के सहारे पहुंचाया अस्पताल

बस्तर। जिले में प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने खाट के सहारे अस्पताल पहुंचाया है। लोगों ने पैदल करीब 18 किमी का पहाड़ी और जंगल का सफर तय किया। फिर किसी तरह से 102 से संपर्क कर कुछ किमी की दूरी एंबुलेंस से तय कर बारसूर अस्पताल लाया गया। जहां डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।

मामला बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के बुरगुम गांव का बताया जा रहा है। सरपंच जिला राम मंडावी के मुताबिक, मामला 2 दिन पहले का है। यहां एक महिला को सुबह अचानक प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद परिजन और गांव के ग्रामीणों ने बिना देर किए महिला को खाट के सहारे अस्पताल ले जाने निकले। जंगल और पहाड़ी रास्तों को पार कर महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि, करीब 8 से 9 घंटे लगातार पैदल चले और महिला को अस्पताल लाया गया।

सरपंच समेत गांव वालों ने कहा कि, अंदरूनी इलाका होने की वजह से गांव तक पहुंचने पक्की सड़क भी नहीं है। इसके लिए कई बार सांसद, विधायक, और कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं। लेकिन उसके बावजूद सड़क नहीं बनाई गई है। ग्रामीणों के मुताबिक सड़क नहीं होने की वजह से गांव तक एंबुलेंस 108 और 102 नहीं पहुंच पाती है। मजबूरन, ग्रामीणों को गर्भवती महिलाओं या फिर बीमारों को खाट के सहारे अस्पताल लाना पड़ता है।

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