आँखों से ओझल हो गई थी सुरुज बाई की उम्मीदें : मंत्री डॉ डहरिया बने आँख का तारा

सत्तर साल की इस वृद्धा का नाम भले ही सुरुज बाई है, लेकिन उम्र के साथ इन्हें ठीक से दिखाई नहीं देता। आँखों से धुँधली और ओझल सा तस्वीर देख पाने वाली वृद्धा सुरुज बाई कब से चाहती थी कि वह अपनी आँखों का इलाज कराए, लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच आँखों का इलाज नहीं हो पाया। उसके पास इतने पैसे थे नहीं थे कि वह किसी बड़े निजी अस्पताल में इलाज कराए।  इसी बीच जब क्षेत्र के विधायक और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया एक ग्रामीण के घर श्रद्धाजंलि देने पहुँचे तो अचानक ही गाँव में वृद्धा से सामना हो गया। श्रद्धांजलि देकर घर से निकलते ही वृद्धा मंत्री जी के सामने आ खड़ी हुई और जोर-जोर से कहने लगी, मोर एक आँखि से बने दिखत नई हे, इलाज कराना हे, इलाज ल करावा अउ शौउचालय के पइसा ल दिलवाव..पहले तो मंत्री डॉ डहरिया वृद्धा की बात को ठीक से समझ न सकें.. लेकिन उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम के लिए विलंब होने के बावजूद  समय की परवाह न कर  सामने खड़ी वृद्धा की बातों को ध्यान से सुना और रायपुर आने पर राजधानी में आंख का इलाज कराने की बात कही। मंत्री की बात सुन वृद्धा फिर कहने लगी उसके पास रायपुर जाने का साधन नहीं है। डॉ डहरिया ने उनकी बातों को गंभीरता से लेते हुए मौके पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कहा कि इस माताराम को वाहन से रायपुर लेकर आए, मैं इनकी आँख की इलाज की व्यवस्था कराता हूँ। उन्होंने मौके पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों को सामने बुलाकर वृद्धा से कहा ये मन ल चिन ले, इही मन तोला लेके रइपुर आहि..ऐ ले ये पैसा ल रख, बस के टिकट कटाय बर, ए मन नई लाही तो रइपुर आके मोला बताबे, ठीक करहुँ…

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