हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने देव दिवाली पर्व पर करी गंगा मैया की आरती, देवताओं ने भी दिया तुर्री धाम पहुंचे हजारों लोगों को आशीर्वाद
शहर की चंद्रपुर पद यात्रा सेवा समिति, गौ सेवा परिवार,महामाया दुर्गोत्सव समिति सहित शिव भक्तों ने किया था प्रथम दीपोत्सव का आयोजन
सक्ती– 07 नवंबर की रात्रि शक्ति जिले के प्रसिद्ध बाबा भोलेनाथ की नगरी तुर्री धाम का पवित्र स्थान दीपों की अद्भुत रोशनी से जगमंगा उठा,अवसर था शहर की श्री चंद्रपुर पद यात्रा सेवा समिति, गौ सेवा परिवार,महामाया दुर्गोत्सव समिति एवं शिव भक्तों द्वारा आयोजित संयुक्त देव दिवाली के पुनीत दिवस पर आयोजित प्रथम दीपोत्सव कार्यक्रम का, इस कार्यक्रम में जहां बाबा भोलेनाथ का मंदिर, मां दुर्गा मंदिर, सहित तुर्री धाम में स्थापित विभिन्न देवी-देवताओं एवं विभिन्न समाजों के कुल देवताओं के मंदिर में जहां दीपों की अद्भुत रोशनी की गई तो वही पवित्र बाबा भोलेनाथ का भी अद्भुत श्रृंगार करते हुए आरती पूजा अर्चना की गई
एवं इस अवसर पर रात्रि 7:00 से गंगे मैया की आरती की गई, जिसके साक्षी बने शक्ति जिले सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे हजारों की संख्या में लोग जो कि इस कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित होकर मानो ऐसा महसूस कर रहे थे कि वे गंगा मैया के तट पर आरती में शामिल हो, अद्भुत नजारा रहा तुर्री धाम का जहां लोगों ने इस देव दिवाली महोत्सव के प्रथम आयोजन में साक्षी बनकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया, लोगों का कहना था कि अंचल का यह पहला आयोजन एक भव्य धार्मिक आयोजन था तथा लोगों ने इस आयोजन समिति के सभी सदस्यों को आभार व्यक्त किया जिन्होंने इसकी परिकल्पना करते हुए इसे मूर्त रूप प्रदान किया, वहीं इस आयोजन में तुर्री धाम के भी सेवाभावी धार्मिक लोगों ने अपनी सहभागिता कर योगदान दिया वहीं इस आयोजन में क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक, समाजसेवी, धर्म प्रेमी, स्वयंसेवी, व्यापारिक, जनप्रतिनिधि सहित विभिन्न हस्तियां भी पहुंची जिन्होंने इस आयोजन में अपनी सहभागिता की
वही इस आयोजन को लेकर व्यापक रूप से इसका प्रचार-प्रसार भी किया गया था, एवं इस दौरान गंगा मैया की आरती एवम पूजा अर्चना के बाद भंडारा प्रसाद का कार्यक्रम भी आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने उपस्थित होकर भंडारा प्रसाद ग्रहण किया, साथ ही गायत्री परिवार शक्ति के सदस्यों ने भी पूजा-अर्चना के समस्त कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से अपना योगदान देकर इसे सफल बनाया तथा तुर्री धाम का पवित्र सरोवर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा मानो ऐसा लग रहा था कि संपूर्ण देवता तुर्री धाम में उतर कर लोगों को अपना आशीर्वाद दे रहे हो