पीएम मोदी के रात्रि विश्राम के मायने क्या ?

पढि़ए खास रपट…

रायपुर- अपने 10 साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार नागपुर में रात्रि विश्राम किए। दरअसल में मोदी का रात्रि विश्राम कई मायनों में चर्चा का विषय बना हुआ है। नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय भी है, और भाजपा के लिए कहा जाता है कि दिल्ली, नागपुर से चलती है। खैर मोदी के सत्ता में आने के बाद आरएसएस का यह भ्रम टूट चुका है। अब चारों ओर सिर्फ मोदी की गांरटी ही दिखाई देती है। इससे ऐसा लगता है कि सत्ता में आरएसएस की पकड़ कहीं न कहीं कमजोर हुई है। मोदी के रात्रि विश्राम को सियासत में आरएसएस से भी जोड़कर देखा जा रहा है। खैर सच क्या है? यह तो मोदी और आरएसएस ही जानेंगे। लेकिन इस बीच यह चर्चा छिड़ी हुई है कि मोदी ने नागपुर में रात्रि विश्राम तब किया जब देश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है। ज्ञात हो इस चरण में खासकर भाजपा शासित राज्यों में मतदान के प्रतिशत में चिंतनीय गिरावट आई है। नागपुर में मोदी तब ठहरे जब नितिन गडकरी जैसे कद्दावर नेता का चुनाव मतदान सम्पन्न हो चुका था। सम्भवत: गड़करी भी जवाबी तौर पर मोदी की सभा में शामिल नहीं हुए। अब लोगों के जेहन में एक सवाल घूम रहा कि आखिर लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसा क्या हुआ कि 10 साल के बाद मोदी को नागपुर में रात गुजारनी पड़ी? मोदी नागपुर में क्यों ठहरे? राजभवन में मोदी से रात में कौन- कौन मिले? यह तमाम सवाल आम जनता के जेहन में घूम रहा है। हालांकि मोदी के रात्रि विश्राम को लेकर अलग- अलग मत सामने आये हैं। कुछ लोगों का मानना है कि आरएसएस ने पार्टी से बढ़कर मोदी को प्रजेन्ट करने में आपत्ति जताई है। पहले विधानसभा चुनावों में मोदी की गारंटी, अब लोकसभा में भी सिर्फ मोदी की गारंटी चारों ओर दिख रही है, पार्टी हासिए में जाते दिखाई दे रही है। इसको लेकर संघ काफ चिंतित है। खैर सच क्या है? इसको लेकर अभी तक मत स्पष्ट नहीं हो सका है। अब मोदी नागपुर (महाराष्ट्र) से लगे हुए राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी रात गुजारेंगे। मोदी यहां राजभवन में रात्रि ठहरेंगे। कई लोगों का मानना है कि यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है। लेकिन वास्तव में यदि चुनावी रणनीति का हिस्सा है, तो छत्तीसगढ़ में ही ठहरने की जरुरत क्यों पड़ गई? लोकसभा चुनाव की दृष्टि से 1999 से अब तक छत्तीसगढ़ में भाजपा का दबदबा बरकरार है। फि र पीएम मोदी अपना यह कीमती समय छत्तीसगढ़ में ठहरकर क्यों बिताना चाहते है? वो भी एक नहीं दो दिवसीय प्रवास और रात्रि यहां विश्राम। सवाल उठना तो लाज़मी है।

पीएम बनने के पहले से भी…..

भाजपा द्वारा मोदी को पीएम चेहरा घोषित करने के बाद से अब तक वह किसी भी चुनावी दौरे में रात्रि विश्राम नहीं किए। पहले चोपर से मोदी गांधी नगर वापस लौट जाते थे। वहीं पीएम बनने के बाद वह दिल्ली लौटते रहे हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से महाराष्ट्र में दलों के मतभेद और विवादों के चलते मोदी का नागपुर में ठहरना कुछ हद तक चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। वहीं संघ से राय मशवरा की भी बात से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन छत्तीसगढ़ में रात्रि ठहरना कई राजनीतिक सवालों को जन्म देता है।

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