उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार होंगे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, जानिए धनखड़ के बारे में

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए ने 16 जुलाई को की अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा

राज्यपाल बनने से पूर्व सांसद, विधायक एवं अधिवक्ता भी रह चुके हैं जगदीप धनखड़

वर्ष 2019 में पहली बार बनाए गए थे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का आने वाले दिनों में समाप्त हो रहा कार्यकाल

सक्ति- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए ने आज 16 जुलाई को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीद्वार के रूप में नामित किया है।

दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग में यह फैसला हुआ। मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने धनखड़ के नाम का ऐलान किया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृहमंत्री अमित शाह , पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा , नितिन गडकरी , राजनाथ सिंह , शिवराज सिंह समेत तमाम नेता शामिल हुये। उपराष्ट्रपति पद हेतु मुख्तार अब्बास नकवी , नजमा हेपतुल्ला और केरल के राज्यपाल का नाम चल रहा था। मगर बीजेपी ने बंगाल के राज्यपाल को उपराष्ट्रपति का चेहरा बनाकर हमेशा की तरह एक बार फिर से सबको चौंका दिया। इससे पहले एनडीए ने द्रोपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीद्वार घोषित किया था। तब भी किसी को अंदाजा नहीं था कि बीजेपी एक आदिवासी चेहरे पर दांव लगायेंगे

ज्ञात हो कि देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है। अगले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिये नामांकन प्रक्रिया शुरू है। उपराष्ट्रपति पद के लिये चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है। नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है। जरूरत पड़ने पर 06 अगस्त को चुनाव होगा। यानि अगर एक से अधिक उम्मीद्वार चुनावी मैदान में सामने आते हैं तो उपराष्ट्रपति पद के लिये 06 अगस्त को चुनाव होगा

उपराष्ट्रपति पद के लिये एनडीए उम्मीद्वार धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के एक छोटे से गांव किठाना में हुआ था। वर्ष 1989-91 में 9वीं लोकसभा में वे जनता दल से राजस्थान के झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे। वे 1993-98 के दौरान दसवीं राजस्थान विधानसभा में किशनगढ़ से विधायक भी रहे है। पेशे से अधिवक्ता जगदीप धनखड़ राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने थे। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था। पश्चिम बंगाल के गवर्नर रहते हुये जगदीप धनखड़ और पश्चिम बंगाल की सरकार कई बार एक दूसरे के सामने आये और दोनों तरफ से एक दूसरे की आलोचना भी की गई। धनखड़ और टीएमसी के बीच जारी टकराव इतना बढ़ चुका कि पिछले साल दिसंबर में टीएमसी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर राज्यपाल धनखड़ को हटाने की सिफारिश की थी,टीएमसी ने कहा था- संविधान की धारा 156 की उपधारा 01 के तहत हमने राज्यपाल को हटाने की अपील की है , क्योंकि उन्होंने संविधान का पालन नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं माना , लेकिन उन्हें नहीं हटाया गया।जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28 वां राज्यपाल नियुक्त किया था। वे 1989 से 1991 तक राजस्थान के झूंझनू से लोकसभा सांसद रहे। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे

 

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