VIDEO: लचर व्यवस्था, सुस्त विभाग, बेजुबां प्रशासन, फ़रियाद आह से आहा तक…. देखिये सीएम साहब, न्याय योजना का जिले में बुरा हाल, किसान धान के बोनस राशि की मांग के लिए लगा रहे हैं चक्कर

बालोद- जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना को जिम्मेदार अधिकारी ग्रहण लगाने पर तुले हैं। या यूं कहें कि सीएम की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। जिसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। आलम यह है कि किसान अब विभाग और कलेक्टोरेट जनदर्शन के चक्कर लगा रहे है। जिले में दर्जन से ज्यादा ऐसे किसान है, जिन्हें धान के बोनस की राशि अप्राप्त हैं। पीड़ित किसान विभाग एवं कलेक्टर जनदर्शन के चक्कर लगाने मजबूर हैं। अब तलक इनकी समस्या का समाधान नही हुआ हैं। सिस्टम की लचर व्यवस्था और जिम्मेदार विभाग के अधिकरियों की सुस्त कार्यप्रणाली से किसान बोनस की राशि के मांग के लिए चक्कर लगाने मजबूर है।

बोनस राशि नही मिलने से किसान हो रहे परेशान और हलाकान-
दरअसल डौंडी ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिंघोला के आश्रित गांव आमाबाहरा के किसान रामलाल और ग्राम पंचायत बेलोदा के आश्रित गांव अरजगुड़ा के किसान आनंद राम ने सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन पहुच धान के बोनस की राशि की मांग को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाई हैं। किसानो ने ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराते हुए बताया है को बीते वर्ष धान खरीदी के दौरान उन्होंने मंगलतराई सोसायटी में धान बेचा था। बेचे गए धान की राशि तो उन्हें प्राप्त हो गई है। लेकिन राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत बोनस की राशि उन्हें आज तलक नही मिली हैं। बोनस राशि की मांग को लेकर कई दफा मंगलतराई सोसायटी औऱ जिला सहकारी बैंक डौंडी में आवेदन भी दिया जा चुका है। लेकिन आज तलक उनके समस्या का समाधान नही हुआ। जिससे किसान काफी परेशान और हलाकान है। वही मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी आरके रामटेके ने बताया कि संबंधित किसानों के रकबा का सत्यापन नही होने से बोनस की राशि किसानों के खाते में नही पहुची है। वही जिले में 16 से अधिक ऐसे किसान है, जिन्हें धान बोनस की राशि नही मिली हैं। रामटेके आगे बताते है कि रकबे के सत्यापन के लिए उन्होंने कृषि विभाग को पत्र लिखा है। लेकिन उनके तरफ से अभी कोई कार्यवाही नही की गई है और न ही उनका जवाब आया है। जब तक रकबे का सत्यापन कर त्रुटि सुधार नही किया जाता तब तलक पीड़ित किसानों को बोनस की राशि नही मिल पाएगी। बहरहाल विभाग की इस सुस्त कार्यप्रणाली का खामियाजा किसान भुगत रहे है। अब देखना होगा कि किसानों को उनके हक की बोनस की राशि कब तलक मिल पाती है।

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