टीकाकरण, किसान, महिलाएं…पढ़ें बजट सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण

नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज से आरंभ हो गया है। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से संबोधन से यह सत्र शुरू हुआ। राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि देश में 80 फीसदी किसान, छोटे किसान ही हैं, जिनका देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। इस निवेश से कृषि क्षेत्र में आज बड़े परिवर्तन नज़र आ रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। बेटे-बेटी को बराबरी का दर्जा देते हुए मेरी सरकार ने लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरुषों के समान 21 वर्ष करने का बिल भी संसद में प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि मैं देश के उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और देश को उसके अधिकार दिलाए। आजादी के इन 75 सालों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का भी मैं श्रद्धा-पूर्वक नमन करता हूं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आगे कहा कि कोरोना वायरस से पैदा हुई वैश्विक महामारी का ये तीसरा वर्ष है, इस दौरान हमने देश के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को और सशक्त होते हुए देखा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण टीकाकरण अभियान में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम वक़्त में 150 करोड़ से भी अधिक वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाया। आज हम पूरी दुनिया में सर्वाधिक वैक्सीन डोज देने वाले अग्रणी देशों में शामिल हैं।

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