नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के जरिए एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी से 14 लाख रुपये ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और जालसाजों को बैंक खाते मुहैया कराने वाले दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को पीड़ित की ओर से शिकायत मिली, जिसमें उसने बताया कि उसे मुंबई से साइबर क्राइम अधिकारी बनकर एक व्यक्ति का वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने उसे धमकाते हुए दावा किया कि उसके बैंक खाते का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा है और एक टीम उसे गिरफ्तार करने के लिए आ रही है। घबराए शिकायतकर्ता ने कॉल करने वाले के निर्देशों का पालन करते हुए कॉल के दौरान बताए गए बैंक खाते में 14 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) राजा बंठिया ने कहा, “जांच के दौरान करीब 100 मोबाइल नंबरों और IMEI के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विस्तृत तकनीकी विश्लेषण किया गया, साथ ही कई बैंक खातों से जुड़े मनी ट्रेल का पता लगाया गया। आरोपियों का पता राजस्थान के बाड़मेर में चला। 15 जून को छापेमारी की गई और बंशी लाल और उसके सहयोगी प्रेम कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।” बंशी ने बताया कि वह लंबे समय से कुमार को जानता था, जो उसका पड़ोसी है। कुमार ने उससे बैंक खाता खोलने और नेट बैंकिंग की सारी जानकारी और लिंक्ड मोबाइल नंबर देने को कहा था। कुमार ने खाते के इस्तेमाल के लिए उसे 8,000 रुपये दिए। कुमार ने खुलासा किया कि उसने बंशी के बैंक खाते का विवरण सतपाल बिश्नोई को दिया, जिसने उसे 15,000 रुपये दिए। बिश्नोई इस खाते में ठगी की रकम ट्रांसफर करवाता था। फिर कुमार ने बंशी को चेक के जरिए बैंक से पैसे निकालने को कहा। इसके बाद कुमार ने पैसे बिश्नोई को भेजे। सीसीटीवी कैमरे में अपनी पहचान छिपाने के लिए आरोपियों ने पैसे निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल नहीं किया।