किरंदुल- स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी के प्रथम पुण्यतिथि पर किरंदुल के बैलाडीला संगीत समिति द्वारा नगर के इंद्रजीत सिंह भवन के सभागार में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित की गई।जिसमें सर्वप्रथम लता मंगेशकर जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की तत्पश्चात कार्यक्रम में उनके गीतों को बैलाडीला संगीत समिति के कलाकारों ने प्रस्तुत कर उन्हें याद किया जिसमें मधुकर सीताप राव ने अजीब दास्तां है ये कहां शुरू कहां ख़तम,दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है,कोरा कागज था यह मन मेरा,एसकेएमएस अध्यक्ष के साजी ने झिलमिल सितारों का आंगन होगा रिमझिम बरसता सावन होगा,रीना साहू ने रहे ना रहे हम, गुरदीप सिंह ने यह मुलाकात एक बहाना है प्यार का सिलसिला पुराना है,वाई अनिल ने लग जा गले कि फिर यह हंसी रात हो ना हो,संगीत समिति के वरिष्ठ गायक सतीश नखाते ने महबूब मेरे तू है तो दुनिया कितनी हसी है जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है जैसे गीतों को गाकर लता जी की यादों को ताजा कर दिया। कार्यक्रम के दौरान चर्चा करते हुए मधुकर सीताप राव ने कहा स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी आज हमारे बीच नहीं रहे परंतु उनकी आवाज की जादू आज देश के हर दिल में बसती है उनके गाए नगमे जब भी कोई गुनगुनाता है दिल को छू लेता है कैसे सुर की देवी आज हमारे बीच ना होते हुए भी सभी के दिलों में राज कर रही है उनकी कमी कोई भी पूरा नहीं कर सकता। कार्यक्रम में भारी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे।