हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास चल रहा है। जी हाँ और इस महीने का प्रत्येक दिन पवित्र माना जाता है। वहीं सावन में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। इसी के साथ सावन कृष्ण पक्ष के चतुर्थी शिवरात्रि पूजा के अगले दिन अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह पर्व आज 28 अगस्त को है और सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। आज हम आपको बताते हैं हरियाली अमावस्या की कथा।
हरियाली अमावस्या की कथा- बहुत समय पहले एक राजा प्रतापी राजा था। उनको एक बेटा और एक बहू थे। एक दिन बहू ने चोरी से मिठाई खा लिया और नाम चूहे का लगा दिया। जिसकी वजह से चूहे को बहुत गुस्सा आ गया। उसने मन ही मन निश्चय किया कि चोर को राजा के सामने लेकर आऊंगा। एक दिन राजा के यहां कुछ मेहमान आयें हुए थे। सभी मेहमान राजा के कमरे में सोये हुए थे। बदले की आग में जल रहे चूहे ने रानी की साड़ी ले जाकर उस कमरे में रख दिया। जब सुबह मेहमान की आंखें खुली और उन्होंने रानी का कपड़ा देखा तो हैरान रह गए। जब राजा को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपनी बहू को महल से निकाल दिया।