छत्तीसगढ़ के दूसरे बौद्ध विरासत गौरैयाधाम में 9 अक्टूबर को तथागत बुद्ध प्रतिमा की स्थापना एवं महा परित्राण पाठ में जुटेंगे हजारों की संख्या में लोग

बालोद- गौतम बुद्ध एवं बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर के असीम अनुकंपा से एवं बुजुर्गों के मार्गदर्शन से गौरेया बुद्ध विहार चौरेल का अनावरण 25 फरवरी 1994 में किया गया था। नवीनीकरण उपरांत 9 अक्टूबर 2022 रविवार को भारतीय बौद्ध महासभा जिला बालोद के प्रबंध निर्देशन एवं अर्जुंदा (टिकरी) के समन्वय से प्रतिमा अनावरण एवं महा परित्राण पाठ का आयोजन किया गया है। महा परित्राण पाठ पूज्य भंते धम्मतप राजनांदगांव द्वारा संपन्न किया जाएगा एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महादेव कावरे संभागीय आयुक्त दुर्ग छत्तीसगढ़, अध्यक्षता वामन राव वानखेड़े अध्यक्ष भारतीय बौद्ध महासभा जिला बालोद, विशेष अतिथि दिलीप वासनिक जन सूचना आयुक्त छत्तीसगढ़, एसआर कांडे भारतीय बौद्ध महासभा ट्रस्ट सदस्यगण, बीएस जागृत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़, अनिल मेश्राम, रमेश सुखदेवे, ऐश्वर्य विमल महेश्वर, लवण चंद्राकर सरपंच चौरेल गौरैया न्यास प्रबंधक, मोंटी यादव जिला पंचायत सदस्य एवं सचिव गौरव न्यास, मधुकर जामुल कर मुख्य अभियंता दुर्ग छत्तीसगढ़ विभाग मंडल, सुमेर कामडे, त्रिभुवन मोहन वासनिक होंगे।

 

कहा जाता है कि सिरपुर के बाद गोरैया छत्तीसगढ़ का दूसरा बौद्ध विरासत है। जिसको संजोने का कार्य बौद्ध अनुयायिओं द्वारा किया जा रहा है। यहाँ पर लगभग तीस साल पुराना पूवर्जों द्वारा स्थापित एक विहार था। जिसकी दशा दयनीय हो गई थी। जिसका जीर्णोद्धार समाज के लोगो ने मिलकर किया है इसी बौद्ध विहार का विधिवत परित्राण पाठ के साथ लोकार्पण किया जाएगा। इस सम्पूर्ण कार्य मे गोरैया समिति एवं चौरेल के सरपंच का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। ग्राम के बीचों बीच एक बुद्ध चौक भी है। जो आकर्षन का क्रेंद्र भी है। चौक में सोलहवी शताब्दी का एक अशोक स्तंभ स्थापित है। जहाँ खुदाई से प्राप्त बुद्ध भगवान की प्रतिमा स्थापित है। गांव के लोग बड़ी आस्था से पूजा अर्चना करते है। अर्जुन्दा परिक्षेत्र के अध्यक्ष प्रवीण लोनहारे ने लोगो से अधिक से अधिक सँख्या में उपस्थित होकर बौद्ध विरासत को सहेजने की अपील की है।

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