‘आदिवासियों के संघर्ष को इतिहास में नहीं मिला उचित स्थान..’, मानगढ़ धाम में बोले पीएम मोदी

जयपुर: पीएम नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार (1 नवंबर) को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने पहले धूणी के दर्शन किए. ‘मानगढ़ की गौरव गाथा’ कार्यक्रम के लिए राजस्थान पहुंचे पीएम मोदी ने इसके बाद गोविंद गुरू की प्रतिमा और 109 वर्ष पूर्व यहां शहीद हुए 1500 आदिवासियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं पीएम मोदी के बांसवाड़ा पहुंचने पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उनका स्वागत किया. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की जनसभा में लगभग 1 लाख लोगों की मौजूद रही. हालांकि पीएम मोदी के दौरे को लेकर माना जा रहा था कि वह मानगढ़ को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करेंगे, मगर पीएम मोदी ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले आदिवासी समाज ने आजादी का बिगुल फूंका था और हम आज भी आदिवासी समाज के योगदानों के कर्जदार हैं. उन्होंने कहा कि भारत के चरित्र को सहेजने वाला आदिवासी समाज ही है. उन्होंने कहा कि ये सबकी इच्छा है कि मानगढ़ धाम को भव्य बनाया जाए. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र आपस में चर्चा कर एक विस्तृत योजना तैयार करें और मानगढ़ धाम के विकास का रोडमैप तैयार करें. पीएम मोदी ने आगे कहा कि चारों राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे और इसका नाम भले ही राष्ट्रीय स्मारक दे देंगे या कोई दूसरा नाम दे देंगे.

 

 

पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद लिखे गए इतिहास में आदिवासी समुदाय के संघर्ष और बलिदान को उनका उचित स्थान नहीं मिला और आज देश उस दशकों पुरानी गलती को सुधार रहा है. आदिवासी समुदाय के बगैर भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य अधूरा है. इसके अलावा कार्यक्रम में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की मौजूदगी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि गहलोत के नाते हमने साथ-साथ काम किया और अशोक गहलोत हमारी जमात में सबसे सीनियर मुख्यमंत्री रहे हैं.

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