किरंदुल-छत्तीसगढ का लोकपर्व हलषष्ठी (कमरछठ) का पर्व शनिवार को लौह नगरी किरंदुल के लक्ष्मणपुर कैम्प,रामपुर कैम्प,धरमपुर कैम्प, भटटीपारा, गजराज कैम्प, वोरा कैम्प साहू समाज एवं पुराना डबल स्टोरी कॉलोनी में महिलाओं द्वारा अपने अपने बच्चों के साथ एकत्रित होकर सामूहिक रूप से बड़े ही हर्षोल्लास सहित मनाया गया।यह पर्व माताओं का संतान के लिए किया जाने वाला, छत्तीसगढ़ राज्य की अनूठी संस्कृति का एक ऐसा पर्व है जिसे हर वर्ग हर जाति मे बहूत ही सदभाव से मनाया जाता है।जिसे हलषष्ठी को हलछठ, कमरछठ या खमरछठ भी कहा जाता है।
बता दें इस दिन श्री कृष्ण जी के दाऊ बलराम जी का जन्मदिवस भी माना जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। संतान प्राप्ति व उनके दीर्घायू सुखमय जीवन की कामना रखकर माताएँ इस व्रत को रखती है।