जापान के क्योटो शहर में स्थित टैगी नेनबत्सु-जी मठ में लीक से हटकर बनाई गई पत्थरों की विलक्षण 1200 आकृतिया ये मूर्तियां बौद्ध धर्म के निर्वाण प्राप्त अर्हतों का प्रतिनिधि करती हैं। माना जाता है कि अर्हत्व प्राप्त करने वालों ने अपने लोभ,क्रोध और भ्रम को मार दिया है और पिछले जन्मों के मौजूदा अपने कर्म अवशेषों को नष्ट कर दिया हैं। हर कृति आध्यामिक भावनाएं उत्पन्न करने में समर्थ है। मौजूदा मठ आठवी सदी के मध्य में निर्मित किया गया था। अब इसका पुनर्निमाण किया गया हैं। मुस्कुराते हुए चेहरे और अभिव्यंजक हावभाव किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं, तब भी इनका आसानी से अवलोकन किया जा सकता है। विशिष्ट प्रभाव वाली इन मूर्तियों का आकर्षण बरकरार है।