भारत में सिर न उठा सके ‘आतंकवाद’, इसलिए ‘देवबंद’ को लेकर CM योगी ने उठाया बड़ा कदम

लखनऊ: इस्लामिक आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनते जा रहे देवबंद को आतंकी गतिविधियों से बचाने के लिए यूपी की योगी सरकार ने पहला कदम उठा लिया है। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद पहुंचे और ATS कमांडों सेंटर की आधारशीला रख दी है। बताया जा रहा है कि देवबंद में ATS और कमांडो ट्रेनिंग सेंटर बनने से आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में सहायता मिलेगी।

यहां से कमांडो को प्रशिक्षित करके देश के दुश्मनों का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा। बता दें कि देवबंद ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है। देवबंद में त्रिपुर बाला सुंदरी देवी का मंदिर है। मंदिर के द्वार पर लगा शिलालेख बेहद प्राचीन है। देवबंद में राधा बल्लभ का ऐतिहासिक मंदिर भी मौजूद है, साथ ही मदरसा दारुल उलूम देवबंद भी दुनिया भर में मशहूर है। मगर इसके साथ ही देवबंद में दारुल उलुम मदरसा भी मौजूद है, जिसे आतंकी संगठन तालिबान का जन्मदाता कहा जाता है। देवबंद समेत आस-पास के इलाके से कई इस्लामिक आतंकी पहले भी गिरफ्तार किए जा चुके है।

2001 में यहाँ से मुफ्ती इसरार को आतंकी गतिविधियों के चलते सहारनपुर मदरसे से गिरफ्तार किया गया था,  2005 में अयोध्या में हुए बम विस्फोट मामले का आरोपी इरफान भी देवबंद गया था। 10 जनवरी 2009 को यहाँ से पाकिस्तानी एजेंसी ISI का एजेंट आमिर अहमद उर्फ बूरा गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2016 में दिल्ली पुलिस ने देवबंद से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 12 संदिग्ध युवकों को पकड़ा था।  छह अगस्त 2017 को बांग्लादेशी आतंकी अब्दुलाह देवबंद से गिरफ्तार हुआ था। मई 2018 को देवबंद से जुनैद खान (रोहिंग्या) गिरफ्तार किया गया, वहीं 4 फरवरी 2019 को देवबंद से पांच बांग्लादेशी अरेस्ट हुए।  इसके अलावा भी देवबंद से कई बार संदिग्ध आतंकियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है।

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