अष्टोत्तर सहस्त्र श्रीमद्भागवत में कथावाचक गोस्वामी गोविंद बाबा भागवत कथा के प्रसंगों पर विस्तार पूर्वक भक्तों को करा रहे अवगत, बाराद्वार में चल रही भागवत कथा का चौथा दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव में उमड़ी धर्म प्रेमियों की अपार भीड़

भागवत मर्मज्ञ गोविंद बाबा ने कहा- भागवत में वह सारे गुण विद्यमान, जिससे प्राणी कर सकता है अपना कल्याण

सक्ती- शक्ति जिले के बाराद्वार शहर में अष्टोत्तर सहस्त्र श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन 28 दिसंबर को व्यासपीठ पर विराजमान मथुरा निवासी सुप्रसिद्ध कथावाचक गोस्वामी गोविंद बाबा ने श्री राधा मदन मोहन मंदिर के 51 वर्ष पूर्ण होने पर चल रही कथा में सभी प्रसंगों पर विस्तार पूर्वक श्रोताओं को एवं धर्म प्रेमियों को अवगत कराया तथा बाराद्वार मे आयोजित 1008 श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के तीसरे दिन 27 दिसम्बर को कथावाचक गोस्वामी गोविंद बाबा ने प्रह्लाद व नरसिंह अवतार का प्रसंग विस्तार पूर्वक के साथ संगीतमय प्रवचन दिया, कथा मर्मज्ञ गोस्वामी गोविन्द बाबा ने प्रसंग के दौरान बताया की उपवास सभी रोगो में सुधार की सबसे प्रभावशाली विधि है,एवम उपवास से शक्ति मिलती है,लेकिन समाज में प्रतिष्ठा पाने के लिए अच्छे कर्म करने होते है, कथा मर्मज्ञ गोस्वामी गोविन्द बाबा ने कहा की प्राचीन काल से व्रत, सत्संग, कथा आदि की रचना लोगो में जागृति, सद्भावना सामूहिकता, ईमानदारी, एकता, कवयनिष्ठा, परमार्थ परायणता, लोक मंगल देशभक्ति सुसंस्कृत, सुयोग्य नागरिक बनने, समाज को सुविकसित करने के लिए की गयी था,कथा मर्मज्ञ गोस्वामी गोविन्द बाबा ने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओ का वर्णन करते हुए कहा की बच्चो को धर्म तथा अच्छे कर्म, संस्कार का ज्ञान बचपन में ही देने से वह जीवन भर उसका पालन तथा स्मरण करता है,ठीक उसी प्रकार संगति का भी ध्यान रखना जरुरी होता है। बच्चों की संगति अगर अच्छे लोगों के साथ है तो वह भी अच्छा बनेगा, लेकिन गलत व्यवहार के व्यक्तियों के साथ सगत है तो उसके व्यवहार में भी इसका असर देखने को मिलने लगेगा। गोस्वामी गोविन्द बाबा ने अनेकों प्रसंगों और उदाहरण के माध्यम से कथा का सुन्दर वर्णन किया

 

28 दिसम्बर को कथा का चौथा दिन

1008 श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के चैथे दिन व्यासपीठ से कथा वाचक गोस्वामी गोविंद बाबा ने वामन चरित्र, मोहिनी अवतार, रामजन्म, कृष्ण जन्म का प्रसंग लेकर विस्तार पूर्वक कथा का श्रोताओं को श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में वह सारे गुण व्याप्त हैं जिनके माध्यम से प्राणी अपना कल्याण कर सकता है,कथा वाचक गोस्वामी गोविंद बाबा ने बुधवार को ऐसा समां बांधा कि श्रध्दालु अपने आपको रोक नहीं सके और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के भजन पर भक्त जमकर झूमें। इस दौरान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार से सजाया गया और खुशियां मनाई गई। साथ ही श्रीकृष्ण अवतार की झांकी निकाली गई। कथावाचक गोस्वामी गोविंद बाबा ने इस दौरान सनातन धर्म के नियमों पर प्रकाश उालते हुए कहा कि कोई कार्य सोच विचार कर करने चाहिए। बिना सोचे-विचारे अर्थात बिना चिंतन-मनन के कार्य करने का परिणाम अक्सर गलतः होता है, गोस्वामी गोविंद बार्बा ने कहा कि मन में हर हमेशा जिज्ञासा बनी रहनी चाहिए, जिस प्रकार बालपन में बालको को कुछ नया देखने व सुनने से उसके मन मे उसे जानने की जिज्ञासा होती है। इसलिए अपने अंदर के बालपन को हमेशा बनाए रखना चाहिए।

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