दक्षिण कोरिया (South Korea) के राष्ट्रपति यून सुक योल (Yoon Suk Yeol) ने मंगलवार को कहा कि वो ड्रोन्स में विशेषज्ञता रखने वाला सेना दल बनाना चाहते हैं। सोमवार को उत्तर कोरिया की तरफ से ड्रोन्स के अपने देश की सीमा में घुसने बाद ठोस जवाबी कार्रवाई ना किए जाने पर उन्होंने ये बात कही। सोमवार को पांच ड्रोन दक्षिण कोरिया की सीमा में घुसे थे। 2017 के बाद सीमा उल्लंघन की अपने तरह की ये पहली घटना है।
गौरतलब है कि, इस घटना ने एक बार फिर दक्षिण कोरिया की हवाई सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पड़ोसी देश के ड्रोन लगभग पांच घंटों तक दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के साथ अन्य प्रमुख शहरों के ऊपर मंडराते रहे। दक्षिण कोरिया की सेना ने लगभग 100 रांउड गोलिया दागीं लेकिन किसी भी ड्रोन को गिराने में नाकाम रही।
राष्ट्रपति यून सुक योल ने कैबिनेट बैठक में कहा कि ये घटना पिछले कई सालों से सेना की तैयारियों और प्रशिक्षण में कमी को दर्शाती है। इससे ये साफ होता है कि सेना को और अधिक तैयारी और प्रशिक्षण की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए पुरानी सरकारों को जिम्मेदार बताया। यून ने कहा कि हम एक ड्रोन यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं ताकि उत्तर कोरिया के प्रमुख सैन्य ठिकानों पर नजर रख सकें। इसके साथ ही उन्होंने नए जमाने के स्टिल्थ ड्रोन्स के साथ देश की निगरानी रखने की क्षमता बढ़ाने की बात भी कही।
ड्रोन को ना मार गिराने को लेकर सेना मांफी मांग चुकी है। सेना की तरफ से कह गया है कि हम नागरिक सुरक्षा को देखते ड्रौन्स पर ज्यादा आक्रामकता के साथ हमले नहीं कर सकते थे क्योंकि ड्रोन्स का आकार बहुत छोटा था। इसके साथ ही सेना ने देश की एंटी ड्रोन क्षमता को बढ़ाने की मांग भी की। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के एक वरिष्ठ अधिकारी कांग शिन चुल ने कहा कि हमें इस बात का खेद है कि हम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दुश्मन ड्रोन्स को मार गिराने में नाकाम रहे।