पूर्व मुख्यमंत्री राजनांदगांव से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल की पायनियर के संपादक ए.एन. द्विवेदी से खास बातचीत
रायपुर-लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों दल भाजपा और कांग्रेस भरी गर्मी में जमकर पसीने बहाते दिख रहे हैं। भाजपा देश में मोदी की गारंटी लेकर वोट मांगने निकली है, तो वहीं कांग्रेस को न्याय के वादों पर उम्मीदें है। इन दिनों देशभर के मतदाताओं के बीच प्रत्याशियों के साथ-साथ मोदी की गारंटी और राहुल के न्याय की भी जमकर चर्चा है। इस बीच छत्तीसगढ़ की सबसे हाई प्रोफाइल सीट राजनांदगांव से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेश बघेल से पायनियर के संपादक ए.एन. द्विवेदी की खास बातचीत-
सवाल – भूपेश जी आप पांच साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे, इन पांच साल में आपने राजनांदगांव की जनता के लिए ऐसा कौन सा काम किया जिससे आपको संतुष्टि मिलती है?
जवाब- प्रदेश की जनता ने मुझे पांच साल छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का अवसर दिया तो हमने प्रदेश के हर वर्ग को लाभ पहुँचाने के लिए योजनाएँ बनाईं। अगर शपथ ग्रहण के दो घंटे के भीतर किसानों का कर्जा माफ हुआ तो राजनांदगांव लोकसभा के किसानों का कर्जा भी माफ हुआ, अगर भूमिहीनों की जेब में सालाना 7000 रुपए गया तो राजनांदगांव लोकसभा के मजदूरों की जेब में भी गया, अगर हमने आत्मानंद स्कूल खोले तो यहाँ भी खोले। आदिवासियों को तेंदूपत्ता के सर्वाधिक दाम का लाभ यहाँ भी मिला। बेरोजगार युवाओं को भत्ता मिला। गौठान के जरिए भी बहुत से लोगों को रोजगार मिला। कुल मिलाकर हमारी योजनाएँ प्रदेश के हर वर्ग को लाभ पहुँचाने के लिए रहीं। तो निश्चित तौर पर यहाँ के नागरिकों को भी प्रत्येक योजना का लाभ मिला है। खैरागढ़ उपचुनाव हमने जीता था। पिछले विधानसभा चुनाव में भी हम इसीलिए आठ में से पांच विधानसभा सीटें यहाँ जीते।
सवाल – आपकी सरकार पांच साल तक किसान और धान के इर्द-गिर्द घूमते रही, आपने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की, किसानों को धान की अच्छी कीमत देने का भी प्रयास किया। उसके बाद भी मोदी की गारंटी आप और कांग्रेस पर भारी क्यों पड़ गई?
जवाब- हार और जीत चुनाव का हिस्सा होते हैं, आपके हिस्से दोनों में से कोई एक चीज तो आएगी ही। जनता के जनादेश को हम सबने स्वीकार किया। राजनांदगांव लोकसभा में विधानसभा की दृष्टि से तो हम अभी भी बहुमत में हैं। महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि जो भाजपा किसानों को नजरअंदाज करती थी, किसानों को बोनस नहीं देती थी। उसी भाजपा को चुनाव में किसानों के आगे झुकना पड़ा है। आज गांव-गांव में किसान कह रहा है कि धान का मूल्य अगर उसे मिल रहा है तो भूपेश बघेल के कारण मिल रहा है। कई बार बाजार में दुकानदार चाइनीज सामान की भी गारंटी दे देता है, लेकिन उसका परिणाम प्रयोग के बाद समझ आता है। छत्तीसगढ़ की जनता को तीन महीनों में ही मोदी की गारंटी समझ में आने लगी है। राशन कार्ड पर हम 35 किलो चावल देते थे, भाजपा की सरकार ने इसे घटाकर पांच किलो प्रति सदस्य कर दिया है। चना और नमक भी मिलना बंद हो गया है। देखिएगा कि चुनाव के बाद क्या-क्या बंद होता है सांय-सांय।
सवाल- रमन और भूपेश में हमेशा ठनी रहती थी, अब विष्णुदेव भी भूपेश को ही घेरते दिखते हैं। ऐसी क्या वजह है कि भूपेश सभी नेताओं के निशाने पर रहते हैं?
जवाब- उनके बारे में तो नहीं जानता पर मेरी तो किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। ये जरूर है कि जब जनता के हितों पर जब कोई प्रहार होता है तो भूपेश बघेल दीवार बनकर खड़ा रहता है। डॉक्टर साहब अब विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका में हैं, वे स्वस्थ रहें, उनके आराम का समय है। दूसरा नाम आपने जिनका लिया वे मुख्यमंत्री हैं तो निश्चित तौर पर सवाल तो उन्हीं से पूछा जाएगा। अगर सांय-सांय जनता का राशन कटेगा और बिजली कटेगी तो सवाल डोनाल्ड ट्रंप से थोड़ी ही पूछे जाएंगे! रही बात मुझे घेरने की तो जब कोई नई-नई कसरत सीखता है तो अखाड़े के पुराने पहलवानों को चुनौती देकर अपना नाम उछालता है।
सवाल – एक बाई इलेक्शन को छोड दें, तो 1999 से अब तक राजनांदगांव में भाजपा का कब्जा रहा। अब आप मैदान में हैं। 25-30 साल का गड्ढा नहीं बल्कि बड़ी खाई है, कैसे सामना करेंगें?
जवाब- यही बात 5 साल पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के संबंध में कही जाती थी। पंद्रह साल के वनवास को जिस तरह से हमने खत्म किया था, उस तरह से इस खाई को भी जनता खुद पाट देगी। लापता सांसद अब बेपता होने जा रहे हैं।
सवाल – ऐसा कौन सा कारण है कि आपको अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र दुर्ग को छोड़कर, राजनांदगांव से मैदान में उतरना पड़ा?
जवाब- बतौर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पूरा प्रदेश ही मेरी कर्मभूमि रहा है। हर क्षेत्र मेरा घर है। मैं जनता का सेवक हूँ, हर जगह की जनता मुझे प्यार करती है। सर्वे में शायद सबसे ज्यादा मेरी मांग राजनांदगांव की जनता ने की होगी इसलिए पार्टी का आदेश राजनांदगांव के लिए हुआ, तो राजनांदगांव आया हूँ। जनता के कहने से ही आया हूं, जनता को ही फैसला करना है।
सवाल – कांग्रेस की सरकार रहते हुए आपके ही दल की विधायक छन्नी साहू सरकार से बड़ी रूष्ठ रहती थीं, कई बार उन्होंने अपनी ही सरकार को घेरने का प्रयास किया। भूपेश को भरे मंच में अपने ही कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। कैसे निपटेंगे इन चुनौतियों से?
जवाब- जहां लोकतंत्र होता है वहां कहने-सुनने-बात करने की गुंजाइश होती है। हमारा दल लोकतांत्रिक दल है इसलिए पार्टी में भी और सरकार में भी सबको बात रखने का अधिकार है। छन्नी साहू तो मेरे साथ चुनाव प्रचार कर रही हैं। मैं तो दो दिन पहले उनके घर खाना खा के आया हूँ। हम सब एक परिवार हैं। भाजपा की तरह लाठी के इशारे पर चलने वाल संगठन कांग्रेस नहीं है।
सवाल – कांग्रेस और राहुल गांधी के न्याय के वादों को आपने और आपके कार्यकर्ताओं ने अभी तक कितने घरों तक पहुंचाने में सफलता हासिल की है?
जवाब- चुनाव का समय है। बूथ से लेकर ब्लॉक और जिला तक का हमारा संगठन जमीन पर काम कर रहा है। न्याय का संदेश घर-घर पहुँच रहा है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी हम अपनी बात पहुंचा रहे हैं। माननीय खरगे जी और राहुल जी के नेतृत्व में जो घोषणा पत्र बना है वह ऐतिहासिक है। यह लोगों का जीवन बदलने वाला है। भारत का भविष्य बदलने वाला है। यह बात लोगों को समझ में भी आ रही है। हमारी सभी न्याय गारंटियों को जनता अपना भरपूर समर्थन दे रही है। खासतौर पर महिलाओं को गृहलक्ष्मी योजना से मिलने वाले एक लाख रुपए सालाना का प्रचार तो हमारी माताएँ-बहनें स्वयं कर रही हैं।
सवाल – कांग्रेस ने प्रतिवर्ष महिलाओं को 1 लाख रुपये देने का वायदा किया है। कहां से लाएंगे इतने रुपये?
जवाब- ये सवाल तो भाजपा 2018 विधानसभा के चुनाव से पहले भी पूछती थी। हमने किसानों, मजदूरों, पशुपालकों की जेब में पैसा डालकर दिखाया। छत्तीसगढ़ सरकार पूरे देश में एक मॉडल बनी। चिंता मत कीजिए, हमने हिसाब लगा लिया है, एक लाख रुपए सालाना का भी वादा पूरा करके दिखाएंगे। इनकी तरह इलेक्टोरल बॉण्ड से घोटाला नहीं किया जाएगा।
सवाल – आपकी सरकार के दौरान भाजपा भगवा ध्वज के अपमान का आरोप लगाते रही, कहीं न कहीं हिन्दुत्व के कारण आपके दो सीनियर मंत्री मोहम्मद अकबर और रविन्द्र चौबे चुनाव हार गए। कवर्धा में अब आप कैसे सामना करेंगे?
जवाब – छल से अगर रावण ने एक बार माता सीता का हरण कर लिया तो इसका मतलब ये नहीं कि उसकी माया के झाँसे में कोई बार-बार आ जाएगा। न ही इसका यह मतलब है कि रावण विजेता हो गया। अंत में जीत सत्य, न्याय और धर्म की होती है। सत्य को कभी-कभी वनवास सहना पड़ता है।
सवाल – राजनांदगांव में मोदी की गारंटी भारी पड़ेगी या राहुल का न्याय?
जवाब- मोदी जी की गारंटी का बोझ जनता पिछले दस साल से झेल रही है। गारंटी दी और बाद में उसे चुनावी जुमला बता दिया गया। न खातों में 15 लाख आए, न दो करोड़ लोगों को हर साल रोजगार मिला, न किसानों की आय दोगुनी हुई। राजनांदगांव में मतदाता की उँगली पर लगी स्याही भारी पड़ेगी, राजनांदगांव में भी ‘न्याय जीतेगा। देश भर में न्याय जीतेगा।