सरकार की घोषणा के बाद स्कूली बच्चे मायूस लौट रहे जंगल सफारी से

रायपुर। सरकार की घोषणा के बाद स्कूली बच्चे जंगल सफारी से मायूस लौट रहे है। विभागीय सूत्रधारों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग ने सीएम की घोषणा और वन मंत्री की अनुशंसा की आदेश कापी वहां तक नहीं पहुंची है। स्कूलों में छुट्टी लगने से पहले कई स्कूलों के संचालकों ने गर्मी की छुट्टी से पहले बच्चों को जंगल सफारी की यात्रा करा दिया जाए, जिसमें सरकारी फरमान आड़े आ गया है।

वन मंत्री केदार कश्यप ने वन विभाग को आदेश जारी किया है कि सभी स्कूलों में सर्कुलर भेज दें लेकिन अब तक स्कूलों में वन विभाग का सर्कुलर नहीं पहुंचा है जिसके कारण स्कूल बच्चों को जगल सफारी घूमाने की तिथि तय नहीं कर पा रही है। रायपुर में ही छोटे-बड़े मिलाकर 2000 स्कूल है, यदि क्रम से उन स्कूलों के बच्चों को जंगल सफारी घूमाने का टर्न बाई टर्न मौका देने की बात यदि वन विभाग के मन में है तो बहुत देर हो जाएगी। जो बच्चे प्रायमरी में उनके स्कूल का टर्न आते तक वो हायर सेंकंडरी पास होकर कालेज चले जाएँगे इतना लंबा इतजार करना पड़ेगा। स्कूलों के प्राचायों ने जंगल सफारी अथारिटी को सुझाव दिया है कि रोज 10 स्कूलों के बच्चों को मौका दे तो सभी स्कूली बच्चों को जंगल सफारी घूमने का अवसर मिल सकता है?

जू अथारिटी का साफ कहना है कि अभी तक उनके पास इस तरह का कोई आदेश लिखित या मौखिक में नहीं आया है। यदि स्कूलों को अपने बच्चों को जंगल सफारी की सैर कराना है तो शुल्क देना ही होगा। जिसके कारण स्कूल संचालक पेशोपेश में है कि यदि हमने जंगल सफारी का शुल्क जमा कर दिया और इसी दौरान सरकार का फरमान भी वन विभाग में पहुंच गया तो पैसा वापसी को रोड़ा अटक जाएगा। तब तक स्कूल संचालक सरकारी आदेश का इंतजार करना चाहते है, ताकि बच्चों को नि:शुल्क जंगल सफारी का सैर कराया जा सके।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *