विद्यालयीन गतिविधियों का अवलोकन कर डिजिटल क्लासरूम में की पढ़ाई-
सक्ती-ग्रामीण परिवेश के बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में शहरी वातावरण की तर्ज पर बेहतर वातावरण मिल सके इस निमित्तत शैक्षणिक जिले शक्ति के अंतर्गत शक्ति विकासखंड के ग्राम पंचायत डोंड़की में संचालित युथ गाईडेंस क्लब के बच्चे 04 दिसम्बर को शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत शासकीय हाईस्कूल नावापारा खुर्द पहुंचे। जहां क्लब के बच्चों का प्राचार्य पी. श्रीनिवास राव ने अपने विद्यालय में स्वागत किया। इस अवसर पर प्राचार्य पी. श्रीनिवास राव ने बच्चों को विद्यालय भवन सहित पूरे परिसर का मुआयना कराते हुए विद्यालयीन गतिविधियों से बच्चों को रूबरू कराया। इस दौरान बच्चों ने प्रयोगशाला कक्ष का भी मुआयना किया। इस मौके पर प्राचार्य पी. श्रीनिवास राव ने बच्चों को न्यूटन डिस्क की अवधारणा के जरिए समझाया कि सफेद प्रकाश मूलतः सात रंगों से बनी होती है। वहीं शर्मा मैडम से बच्चों ने मानव शरीर और पाचन प्रक्रिया की बारीकियों को भी समझा। वहीं दूसरे सत्र में बच्चों ने विद्यालयीन बच्चों संग संयुक्त रूप से डिजिटल क्लास रूम में प्रोजेक्टर से पढा़ई किया। इस अवसर पर प्राचार्य पी. श्रीनिवास राव ने अंतरिक्ष में राकेट के जरिए उपग्रह प्रक्षेपण तथा स्पेस में अंतरिक्ष यात्रियों की दिनचर्या भी समझाया। इस दौरान अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलयम्स के बारे में भी बच्चों ने जाना। इतना ही नहीं इस मौके पर पहला रेडियो, पहला कम्प्यूटर, पहला फ्रीज, पहला एक्सरे मशीन, पहला मोटर साईकिल, पहला कैमरा, पहला ट्रेन इंजन आदि की तस्वीरों को प्रोजेक्ट के जरिए दिखाया व समझाया गया। गौरतलब हो कि शासकीय हाईस्कूल नावापारा खुर्द जिसकी स्थापना के समय 2011 में मात्र 3 छात्र थे। आज 2021 में कक्षा 9वीं व 10वीं मिला कर कुल 89 बच्चे अध्ययनरत हैं। इस विद्यालय से प्राचार्य पी श्रीनिवास राव के आने के बाद से विद्यालय निरंतर ऊंचाईयों की ओर अग्रसर है।
विदित हो कि इस विद्यालय के प्राचार्य पी. श्रीनिवास राव को नवगठित सक्ती जिले में बेहतर विद्यालयीन प्रबंधन, स्वच्छ विद्यालयीन प्रबंधन, डिजिटल क्लास रूम में प्रोजेक्टर से पढा़ई सहित विद्यालय में पढा़ई के लिए आदर्श वातावरण निर्मित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य का सम्मान बिलासपुर संभागायुक्त डा. अलंग ने प्रदान किया है। वहीं युथ गाईडेंस क्लब की बात करें तो इसके बारे में क्लब के निदेशक योम प्रकाश लहरे ने बताया कि आम तौर पर ग्रामीण परिवेश में बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए वह उपयुक्त वातावरण नहीं मिल पाता है जो शहरों में शहरी परिवेश के बच्चों को मिलता है। इसी को देखते हुए डोंड़की-भांठापारा में बच्चों के लिए इसकी स्थापना की गई है। ताकि ग्रामीण परिवेश में भी बच्चों के लिए पढा़ई- लिखाई सहित अन्य रचनात्मक गतिविधियों के लिए आदर्श वातावरण निर्मित किया जा सके,जहां रोजाना बच्चे शाम के समय जा कर पढा़ई-लिखाई, खेलकूद सहित मनोरंजनात्मक गतिविधियों में भाग लेते हैं। यहां बच्चों के लिए एक लाईब्रेरी भी है जहां बच्चों के लिए शैक्षणिक, प्रेरणादायी ज्ञान की पुस्तकें, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बुक्स, रोजगार समाचार पत्र पत्रिकाएं उपलब्ध कराई गई हैं।