हैदराबाद । 29 अक्टूबर को दुनिया से रुखसत हुए पुनीत राजकुमार अपनी मां की तरह ही परोपकारी कार्यों में शामिल रहते थे। जिसके चलते उन्होंने अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया था जिसे उनके निधन के बाद पूरा किया गया। पुनीत की आंखों को नारायण नेत्रालय आई हॉस्पिटल को दान कर दिया गया था और उसी दिन चार लोगों की आंखों को रोशनी मिली।
इस तरह दो आंखों से रोशन हुईं आंखें
नारायण नेत्रालय के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ भुजंग शेट्टी ने बताया कि उन्होंने कॉर्निया की मुख्य और गहरी परत को अलग किया और प्रत्येक आंख का इस्तेमाल दो रोगियों के इलाज के लिए किया गया। गौरतलब है कि पुनीत के पिता एक्टर राजकुमार ने भी अपनी आंखें दान की थीं।
पुनीत से प्रेरित हुए चेतन
कन्नड़ एक्टर चेतन ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा, ‘जब मैं अस्पताल में अप्पू सर के आखिरी दर्शन के लिए गया था, तब डॉक्टरों की एक टीम ने उनके निधन के छह घंटे के अंदर ऑपरेशन किया और उनकी आंखें निकालीं। अप्पू सर ने भी डॉ राजकुमार की तरह अपनी आंखें दान की हैं। अप्पू सर के पद चिन्हों पर चलकर और उनकी याद में हम सबको नेत्रदान करने की शपथ लेनी चाहिए। मैं भी अपनी आंखें दान करूंगा।