किरंदुल. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र संघों/संगठनों के संयुक्त मंच के आव्हान पर 2 दिसम्बर को नियत की गई राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन (इंटक) किरंदुल शाखा द्वारा बस स्टैंड चौंक में पुरजोर तरीके से केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध किया गया। ट्रेड यूनियनों द्वारा भारतीय श्रम सम्मेलन आयोजित करने, न्यूनतम वेतन तय करने के फार्मूले के बारे में, समान वेतन और नियमित श्रमिकों के समान काम करने वाले ठेका श्रमिकों के लिए लाभ, योजना श्रमिकों के रूप में मानते हुए (आंगनवाड़ी, मिड-डे-मील, आशा आदि) वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, 29 मौजूदा श्रम कानूनों को निरस्त करके चार श्रम संहिताओं को अधिनियमित किया गया है, जिससे उन 29 श्रम कानूनों में श्रमिकों के लिए जो भी अधिकार और सुरक्षात्मक प्रावधान थे, उनमें भारी कमी आई है। श्रम संहिता संहिता वापस लिया जाए। आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम, 2021 को वापस लिया जाए। संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की न्यूनतम पेंशन राशि सुनिश्चित की जाए। सार्वजनिक कम्पनियों का निजीकरण बन्द किया जाए। इन प्रमुख मांगो को लेकर व्यापक प्रदर्शन किया गया। एमएमडब्ल्यू यूनियन (इंटक) के इस आंदोलन को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी किरंदुल का पुरजोर समर्थन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन (इंटक) शाखा किरंदुल के सचिव ए के सिंह, नगरपालिका परिषद किरंदुल के अध्यक्ष मृणाल राय, सांसद प्रतिनिधि राजू रेड्डी, विधायक प्रतिनिधि ए अनिल, जिला स्पोर्ट्स सेल के अध्यक्ष विप्लव मालिक, ग्राम पंचायत कोडेनार की सरपंच मीना मंडावी, तपन दास, जोविन्स पापाचन, प्रशान्त ठाकुर, नथेला राम नेताम, त्रिलोक बांधे, देवनारायण, लोहिदास, एम के मल्लाह सहित एमएमडब्ल्यू यूनियन (इंटक) के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे|