प्रधानमंत्री वैश्विक आर्थिक विकास हेतु शांति के पक्षधर: राज्यपाल विश्वभूषण

मैट्स विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ
रायपुर, राज्यपाल  विश्वभूषण हरिचंदन ने आज मैटस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ रिसर्च कांन्क्लेव 2023 में मुख्य अतिथि के रूप में अपना उद्बोधन दिया। इस सम्मेलन का विषय ‘‘वैश्विक वितीय एवं आर्थिक परिवर्तनः विकास पर प्रभाव‘‘ था। राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का विचार है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए विश्व मे शांति स्थापित होना पहली प्राथमिकता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी जी ने वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहें युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति का मार्ग अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि युद्ध केवल विनाश की ओर ले जाता है। यह मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है। युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल विश्व की वित्तीय व्यवस्था बल्कि सामाजिक व्यवस्था भी कमजोर हो जाती है। इसका प्रभाव लोगों के ऊपर पड़ता है और आम जनता को आर्थिक बदहाली से गुजरना पड़ता है। इसलिए युद्ध और नरसंहार की कीमत पर किसी भी समस्या का हल नहीं निकल सकता है। इसे बातचीत के जरिए ही सुलझाने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। विश्व ने दो महायुद्ध और उसके दुष्परिणाम देखे हैं। इनसे दुनिया को सबक लेना चाहिए।

 
उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका, चीन, जापान, और जर्मनी के बाद विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को पांच ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने का जो सपना देखा था वह अब वास्तविक स्वरूप ले रहा है। भारत के लाखोें वंचित वर्गो को बैंकिंग तंत्र से जोड़ा गया है और करोड़ों युवाओं को 20 लाख करोड़ से अधिक का मुद्रा ऋण बिना बैंक गारंटी स्वीकृत किया गया है। स्थानीय कुटीर उद्योग एवं उत्पादों को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री की योजना से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इस अवसर पर राज्यपाल हरिचंदन ने स्मारिका का विमोचन किया। मैट्स विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल को पुस्तक, शाॅल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सेमिनार मे विभिन्न राज्यों के शोधकर्ताओं एवं शिक्षाविदों ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि लुभा मुखर्जी ,मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति  गजराज पगारिया, कुलपति के.पी.यादव, शिक्षाविद्, शोधकर्ता एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

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