अपनी कहेंगे और अपनों की सुनेंगे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, शहर की चाबी सौंपेंगी महापौर

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बुधवार को फिर अपने शहर में अपनों के बीच होंगे। साथ में उनकी पत्नी सविता कोविन्द भी होंगी। राष्ट्रपति अपनों से मिलेंगे और उनसे मन की बात करेंगे। कुछ अपना बताएंगे और उनकी भी सुनेंगे। शहर के विकास पर भी चर्चा करेंगे और जो मित्र मिलने नहीं आ पाएंगे उनका हालचाल भी लेंगे। जिनके साथ उन्होंने शहर में लंबा वक्त गुजारा है उनसे भी मुलाकात होगी। कुछ घर परिवार की बातें होंगी तो एक दूसरे की सेहत का हाल भी अपनों से वह जानेंगे। भाई राम स्वरूप के साथ ही अन्य स्वजन भी राष्ट्रपति से मिल सकते हैं।
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविन्द सातवीं बार शहर आ रहे हैं। उनका बार- बार शहर आना उनका जन्मभूमि से प्रेम और जुड़ाव को भी दर्शाता है। 25 जून 2021 को जब राष्ट्रपति अपनी जन्मभूमि परौंख आए थे तो उन्होंने कहा भी था कि उनका मन तो होता है कि वह हर किसी से मिलें और खूब बातें करें, पर प्रोटोकाल के कारण ऐसा नहीं कर सकते। अब वह फिर बुधवार को शहर आ रहे हैं तो उन्होंने अपनों को मिलने के लिए सर्किट हाउस बुला लिया है।
उनसे मिलने वालों में उन्नाव के पूर्व सांसद देवी बख्स ङ्क्षसह भी शामिल हैं। साथ ही आरएसएस के क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह, प्रांत संघचालक ज्ञानेंद्र सचान, विभाग संघचालक डा. श्याम बाबू गुप्ता व प्रांत सहकार्यवाह भवानी भीख भी राष्ट्रपति से मिलेंगे और पुराने दिनों की यादों को ताजा करेंगे। डा. प्रताप नारायण दीक्षित भी राष्ट्रपति से मिलकर उनका हालचाल जानने को आतुर हैं। डा. पीएन वाजपेयी और जया मिश्रा, भाजपा नेता आनंद राजपाल, इंद्र गुज्जर, अनुराग, आनंद कुमार, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, विनोद अग्रवाल, डा. सरस्वती अग्रवाल समेत 30 लोगों को बुलाया गया है। इस सूची में कुछ नाम और शामिल हो सकते हैं। फिलहाल राष्ट्रपति भवन से प्रशासन को 30 लोगों की ही सूची उपलब्ध कराई गई है। सभी से कहा गया है कि कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट होगी तभी वे मिल सकेंगे।
महापौर सौंपेंगी शहर की चाबी : महापौर प्रमिला पांडेय चकेरी एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को शहर की चाबी सौंपेंगी। यहां सांसद सत्यदेव पचौरी, सांसद देवेंद्र सिंह भोले के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री का स्वागत करेंगे।
पहली बार ईश्वरीगंज आए थे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द 15 सितंबर 2017 को पहली बार ईश्वरीगंज गांव आए थे। यहां स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ किया था। इसके बाद वह 14 फरवरी और छह अक्टूबर 2018 को शहर आए। 2019 में 25 फरवरी को भी आए थे, लेकिन 2019 में जब वह 30 नवंबर को आए तो यहां रुके भी और अपनों से मुलाकात भी की। एक दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद वह यहां से रवाना हुए थे। इन पांच दौरों में वह कभी अपनी जन्मभूमि परौंख नहीं जा पाए, लेकिन जब वह 25 जून 2021 को शहर आए तो परौंख भी गए और वहां अपनों से मिले भी। पुखरायां में आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। अब फिर आ रहे हैं तो अपनों से मिलने को वह उत्सुक भी होंगे और उनसे कहीं ज्यादा वे लोग लालायित हैं जिन्हें राष्ट्रपति ने मिलने के लिए बुलाया है।

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