प्रमोद दुबे हा मानिच संगवारी, ये दारी भूपेश बघेल के बारी

 

रायपुर। इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में खास होने जा रहा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल को कांगे्रस रायपुर से लोकसभा के लिए प्रत्याशी घोषित करने जा रही है। रायपुर सीट से भाजपा ने वर्तमान सांसद सुनील सोनी की छुट्टी करते हुए मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित किया है। कांग्रेस पार्टी भी बृजमोहन के समकक्ष और कद का प्रत्याशी मैदान में उतारना चाह रही है। ऐसे में रायपुर लोकसभा सीट से भूपेश बघेल के नाम को आगे कर दिया गया है। भूपेश बघेल राज्य के सीएम रह चुके हैं, और वह प्रदेशभर में लोकप्रिय हैं। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि भूपेश के राजधानी से चुनाव लडने से प्रदेशभर के कार्यकर्ता रिचार्ज होंगे, जिसका असर अन्य लोकसभा सीटों पर भी दिखेगा। इसके पहले भूपेश बघेल को राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी, जिस पर विराम लगते दिख रहा है। पार्टी के रणनीतिकारों के इस फैसले से राज्य के कांग्रेसी कार्यकर्ता खासे उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। दरअसल में बृजमोहन अग्रवाल अभी तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं, वह इस बार लोकसभा चुनाव में भी अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहेंगे। वहीं कांग्रेस रायपुर में भूपेश को उतारकर बाजी अपने पाले में करना चाह रही है। 9 तारीख तक कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकती है। वहीं दुर्ग लोकसभा सीट से पूर्व गृहमंत्री ताम्रधज साहू का नाम लगभग तय कर लिया गया है। वर्तमान संासद विजय बघेल और ताम्रध्वज साहू के बीच भी मुकाबाला रोमांचक होगा।

प्रमोद दुबे ने विधानसभा चुनाव लड़ने से किया था इनकार

राजनीति में कब कौन कहां खड़ा मिले इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी रायपुर के तत्कालीन महापौर प्रमोद दुबे को बृजमोहन अग्रवाल के सामने मैदान में उतारना चाह रही थी, लेकिन तब प्रमोद को अंदाजा नहीं था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बन सकती है, लिहाजा उन्होनें बृजमोहन के सामने चुनावी मैदान में उतरने से इनकार कर दिया था। बाद में उन्हें रायपुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया गया। प्रमोद चुनाव हार गये। तब से वह राजनीति में अलग-थलग पडे रहे। अब ये दारी रायपुर ले भूपेश के बारी हे। कहते हैं बृजमोहन अग्रवाल और भूपेश बघेल के बीच प्रमोद दुबे से भी जादा गहरी दोस्ती है, ऐसे में शायद ही भूपेश चुनावी मैदान में उतरने के लिए राजी होंगे? पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भूपेश राजनीति के वह खिलाडी हैं जो अपने फैसले से सबको चौंकाते रहे हैं। अब देखना यह है कि भूपेश भी प्रमोद की तरह बृजमोहन के सामने मैदान में उतरने से परहेज करेंगे या चुनावी मैदान में उतरकर पार्टी को मजबूती देने की दिशा में काम करेंगे।

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