शासकीय क्रांति कुमार भारतीय महाविद्यालय के रेडक्रास एवं आईक्यूएसी सेल द्वारा हुआ व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन

सक्ति– शिक्षाविद् एवं सीनियर वेलनेस कोच रजनीश उपाध्याय ने कहा कि आयुर्वेद में कहा गया है- “पहला सुख निरोगी काया क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन के समस्त सुखों का आधार है। स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। इसलिए हमें स्वस्थ्य रहने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए,वे शासकीय क्रांति कुमार भारतीय महाविद्यालय सक्ती में रेडक्रॉस इकाई एवं आईक्यूएसी सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हेल्थ अवरनेस एवं पर्सनालिटी डव्हलपमेंट प्रोग्राम को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे

इस मौके पर उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखना कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे- हम कैसी हवा में सांस लेते हैं, हम कैसा और कितना पानी पीते हैं, हम कैसा भोजन खाते हैं, किस तरह के लोगों से हम मिलते हैं, और कैसा व्यायाम हम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि संसार में जितने भी दुःख हैं, उनकी उत्पत्ति का कारण तन-मन-धन में से ही किसी एक का अभाव होता है। लेकिन केवल धन ही हमें सफल नहीं बना सकता है। अच्छे स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन कहा गया है। यदि रुपया-पैसा हाथ से निकल जाए तो उसे पुनः प्राप्त किया जा सकता है परंतु एक बार स्वास्थ्य बिगड़ जाए तो उसे पुरानी स्थिति में लाना बहुत कठिन होता है। इसलिए समझदार लोग अपने स्वास्थ्य की हिफाजत पूरे मनोयोग से करते हैं। धन से वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं, परंतु उनका उपभोग अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। कार्यक्रम की दूसरी वक्ता संस्कार सिटी शिक्षा महाविद्यालय राजनांदगांव की प्राचार्य डॉ. गुरप्रीत कौर छाबड़ा ने कहा कि हमारे स्वास्थ्य पर ही हमारे व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास निर्भर करता है। जिस व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है, उसकी ओर सभी लोग आकर्षित होते हैं। इसलिए सभी विद्यार्थी अपने व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास के लिए आवश्यक बातों पर जरूर ध्यान दे

वक्ता रजनीश पाण्डेय ने कहा कि विद्यार्थी जीवन संपूर्ण जीवन का सबसे स्वर्णिम काल होता है। यह चरित्र निर्माण का समय होता है। यह अपने ज्ञान को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण समय है। विद्यार्थी जीवन वास्तव में अपने भावी जीवन को ठोस नींव प्रदान करने का सुनहरा अवसर है। यह काल सांसारिक भटकाव से स्वयं को दूर रखने का भी है। इसीलिए विद्यार्थी जीवन को साधना और तपस्या का जीवन कहा गया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. के. चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय समाज की आश्रम व्यवस्था भी स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई है। पुराने लोग इस व्यवस्था का पालन करते थे। इसलिए उत्तम स्वास्थ्य के साथ सौ वर्षों तक जीने की कल्पना कर सकते थे

इसके पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण आईक्यूएसी के संयोजक श्री अजय कुमार देवांगन ने दिया एवं आभार प्रदर्शन रेडक्रास की प्रभारी डॉ. शकुंतला राज ने किया। सरस्वती वंदना पूजा साहू व पूजा श्रीवास एवं राज्य गीत लक्ष्मीन कुर्रे ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के सहायक ग्रेड-2 श्री के. डी. वैष्णव एवं महेंद्र यादव ने किया,कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों द्वारा स्वास्थ्य जागरुकता पर तैयार किए मॉडल का अवलोकन किया। साथ ही प्रतिभागी विद्यार्थी अर्चना प्रधान, योगेश देवांगन, छाया देवांगन, मनिता कंवर, लकेश्वरी साहू, दिगम्बर, पूनम नेताम, ऐश्वर्या साहू, प्रिया लहरे, रिया सिदार, पूजा श्रीवास, संगीता यादव, सुमन त्रिवेदी, अरुणा बरेठ को पुरस्कृत किया। इसी तरह कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ज्योति साहू, शीतम रानी, बीरेन्द्र कुमार, भूपेश थवाईत, चित्रांश देवांगन, राकेश खैरवार, तरन्नुम खातून, अमर कुमार, ऋषभ नारंग, काजल तंबोली, अजय कुमार कंवर, बबली बरेठ, दीप्ती जगत, चैतन्य कुमार निषाद को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. डी. पी. पाटले, डॉ. पी. आर. कठौतिया, विजय देवांगन, शत्रुहन अनंत, ललित सिंह, ऋतु पटेल, सीमा साहू, हरिशंकर प्रसाद, ज्योति यादव, यज्ञचरण राठिया सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे

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