माता-पिता और शिक्षक ही बच्चों का गढ़ते है भविष्य : डॉक्टर नायक

 श्रीबालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में शपथ ग्रहण समारोह एवं,फस्र्ट व्हाइटकोट सेरेमनी में दिखा भावी डॉक्टरों का जज्बा
उठो, जागो, तब तक नहीं रूको, जब तक मंजिल नहीं मिल जाए : नीता नायक
पदचिन्ह जो महापुरूष छोड़ गए वैसे ही है, मिटे नहीं, क्योंकि उनपे कोई चला ही नहीं : डॉ. मानिक चटर्जी
रायपुर। श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एमबीबीएस में अध्ययनरत प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का व्हाइटकोट सेरेमनी एवं शपथ ग्रहण समारोह की मुख्य अतिथि मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमती नीता नायक, अध्यक्षता कर रहे इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर देवेंद्र नायक और डीन डॉ. मानिक चटर्जी, डॉ. देवश्री सरकार, डॉ. सनत शर्मा, वी लक्ष्मीकांत ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके बाद डीन डॉ. मानिक चटर्जी ने भावी डॉक्टरों को शपथ दिलाई। इस अवसर पर डायरेक्टर नितिन पटेल, डॉ. विरेंद्र पटेल, डॉ. दीपक जायसवाल, डॉ. रामपुकार, हिमांशु साहू, भोजराम पटेल, मेडिकल कालेज के प्रोफेसर, स्टाफ मौजूद थे। श्रीबालाजी इस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के व्हाइट कोट सेरेमनी में भावी डॉक्टरों का उत्साह और जज्बा देखने को मिला। अपने अध्यक्षीय उद्गार में डॉक्टर देवेंद्र नायक ने पहले मेडिकल कालेज की उपलब्धि पर सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोगियों को दिल से बधाई और शुभकामनाएं दी। जिनके सफल प्रयास से यह मुकाम हासिल किया।

 

डॉ. देवेंद्र नायक ने कहा कि जीवन में दो लोग ही ऐसे है जो बच्चों के भविष्य को बुलंदियों तक पहुंचाते है। माता-पिता और गुरुजन, जो हमेशा अपने बच्चों और विद्यार्थियों की उत्तरोत्तर प्रगति से हमेशा खुश होते है। जन्म लेने के साथ सबसे पहले गुरु माता-पिता ही होते है। जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ आगे बढ़ते है। बच्चा जब माता-पिता की पाठशाला से वास्तविक पाठशाला में जाता है, जो गुरुजन उसे आड़ी-तिरछी लकीरों से शब्दों का परिचय कराता है। यहीं उस बुलंद इमारत की बुनियाद रखी जाती है जिसमें बच्चे का भविष्य बुलंद इमारत की तरह हौसलों का पंख लगा कर संघर्ष करता हुआ मंजिल तक पहुंचता है। आज के इस सेरेमनी समारोह में भावी डॉक्टरों का जज्बा देखकर ऐसा लगा कि यह श्रीबालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का पहला साल नहीं है, सारे लोग अपने से लग रहे है, कोई अजनबी नहीं लग रहा है। श्री बालाजी परिवार को इतने बड़े समूह में देखना एक सुखद आश्चर्य है। भावी डॉक्टरों को यह बात स्वीकार करना चाहिए कि हम यदि उन्हें डाटते फटकारते है तो यह नहीं समझना चाहिए कि इसमें कोई पूर्वाग्रह है।

हम तो आपके माता-पिता ने जो हमें जिम्मेदारी सौंपी है उसे पूरा करने आपको डॉक्टर बनाकर एक सुखद अहसास को पाना चाहते है। डॉ. नायक ने कहा कि मैंने कल्पना ही नहीं किया था कि इतना बड़ा अचिवमेंट मिल जाएगा। यह श्री बालाजी भगवान की विशेष कृपा है कि हम सब एक परिवार के रूप में मिलकर व्हाइटकोट सेरेमनी को सेलिब्रेट कर रहे है। आप सभी इस पल के साक्षी है जो अपने पहले प्रयास में इतना सुंदर आयोजन कर इस समारोह की गरिमा बढ़ाया है। डॉ. देवेंद्र नायक ने भावी डॉक्टरों को अपना दिली स्नेह देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ अपने अध्यक्षीय उदबोधन को विराम दिया। इसके पश्चात समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती नीता नायक का डॉक्टर देवश्री सरकार ने पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान करते हुए उन्हें मंचीय उदबोधन के लिए आमंत्रित किया। श्रीमती नीता नायक ने कहा कि यह शपथ समारोह भावी डॉक्टरों की सेवा से प्रति समर्पण का संकल्प है। जिसमें हम आज से मानव सेवा के संकल्प से बंध गए है। अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से व्हाइटकोट सेरेमनी मना रहे है। श्रीमती नायक ने कहा मैं स्वयं अपने लिए यह नियम लागू करती हूं कि चिंतन करो, नए विचारों को जन्म दो और उन्हीं विचारों का आत्मसात करो। उठो, जागो, तब तक नहीं रूको जब तक मंजिल नहीं मिल जाए। उन्होंने कहा कि यह समारोह आपके भविष्य की बुनियाद है जिस पर डॉक्टरों को सेवा समर्पण और संकल्प के रास्ते मानव सेवा को समर्पित होगा। अपने आशीवर्चन में भावी डॉक्टरों की उज्ज्वल भविष्य की कामना की और सेरेमनी के सफल आयोजन की बधाई दी। श्रीमती नायक ने कहा कि श्रीबालाजी समूह भी सेवा, समर्पण और संकल्प की भावना से निरंतर अपने विश्वास को कायम रखा है।

 
समारोह की परंपरा के अनुरूप डीन डॉ. मानिक चटर्जी के हाथों का एक अमिट स्मृति चिन्ह लिया गया, जिन हाथों ने हजारों डॉक्टरों को गढ़ा है। डीन डॉक्टर मानिक के सैकड़़ों ऐसे विद्यार्थी है, जो देश के साथ विदेश में भी अपना डंका बजा रहे है। इस अमिट हाथों के चिन्ह से भावी पीढ़ी आशीर्वाद लेकर डॉक्टरी के क्षेत्र में पदार्पण करेंगे।
समारोह में भावी डाक्टरों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। कविताएं के दौर में उवर्शी शर्मा, श्रेया झा, स्नेहिला, निधी चौहान, आकृति मिश्रा, श्रुति गुप्ता वैदेही और आदिती ने समूह नृत्य कर वाहवाही बटोरी। वहीं तेजस नायक ने एकल सिंगिग और डासिंग में पग घुंघंरू बांध मीरा नाची हम नाचे बिन घुंघंरू… पर जमकर वाहवाही बटोरी। साथी विद्यार्थियों ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ तेजस नायक का स्वागत किया। लघु नाटक-नई सुबह की नई किरण-में गांव में चिकित्सा पर फैले अंधविश्वास पर विद्यार्थियों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। इसमें काशिब खान, अक्षत श्रीवास्तव, रोहित देशमुख, रवि यादव, विभु प्रधान, पीनल, प्राची, अल्फीया, चिराग, तेजस, संस्कृति, आलोक, खुशी, विशु अमत्र्य ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति देकर व्हाइट कोट सेरेमनी में चार चांद लगा दिए । कार्यक्रम का संचालन डॉ.नुपुर श्रीवास्तव एवं विद्यार्थियों में मुस्कान मेघानी एवं रोहित देशमुख ने किया। अमृत्य सिंह ने आभार प्रदर्शन किया।

 

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