कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने दिखाई सख्ती, अवैध प्लाटिंग पर नकल मिलना हुआ बंद, बावजूद भूमाफिया और बिचौलिए लगा रहे एसडीएम कार्यालय के चक्कर-

बालोद- कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के आदेश का असर इन दिनों देखने मिल रहा हैं। नियम कायदों को ताक पर रख जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में किये गए अवैध प्लाटिंग पर आरआई व पटवारियों द्वारा नकल जारी नही किया जा रहा हैं। एसडीएम की सख्ती के बाद अवैध प्लाटिंग पर नकल जारी होना बंद हो गया हैं। बावजूद कुछ भूमाफिया व बिचौलिए एसडीएम कार्यालयों के चक्कर लगाते देखे जा रहे हैं और नकल जारी करने पटवारियों पर दबाव बना रहे हैं। इतना ही नही कुछ बिचौलिए तो एसडीएम से अपनी अच्छी पहचान बताकर भूमाफिया से संपर्क साध नकल जारी करवाने की बात भी करते नज़र आ रहे है। जो इन दिनों चर्चा का विषय हैं। तो वही ठीक इसके विपरीत एसडीएम ने नियम कायदों को ताक पर रख कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के संकेत दिए हैं।

पटवारीयो पर बना रहे दबाव-
कुछ दिनों पूर्व The Think Media द्वारा पटवारी और भूमाफियाओं की मिलीभगत से चल रहा प्लाटिंग का खेल और अवैध प्लाटिंग पर नकल जारी करने की खबर प्रमुखता से लगातार प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद बालोद के तात्कालिक एसडीएम ने फेरबदल करते हुए भ्रष्ट पटवारी को इधर से उधर किया था। जिसमें एक विवादित और भ्रष्ट पटवारी को भी जिला मुख्यालय से हटाया गया था। क्योकि पूर्व में पदस्थ पटवारी नियम कायदों से परे हट नकल जारी का खेल खेलते थे। लेकिन अब वर्तमान में जो राजस्व की टीम है वह कलेक्टर के निर्देश व नियम कायदों में चल अपना कार्य कर रही है। बावजूद कुछ भूमाफिया व बिचौलिए द्वारा एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाकर पटवारियों पर दबाव बनाने का काम किया जा रहा हैं। लेकिन एसडीएम की सख्ती के आगे नकल जारी नही होने से भूमाफिया हलाकान और परेशान हैं।।

किसान हुए है ठगी के शिकार-
कृषि भूमि पर अवैध कालोनी बसा प्लाटिंग का खेल विगत कई वर्षों से जिले में जारी हैं। चोरी छुपे नकल जारी कर प्लॉट की खरीदी बिक्री का खेल धड़ल्ले से जारी हैं। बालोद एवं गुरुर मुख्यालय सहित उनके आसपास के क्षेत्रों में भूमाफियाओं ने बेधड़क कृषि भूमि पर अवैध रूप से कालोनी बसा प्लाटिंग की हैं। कई किसान इस खरीदी बिक्री के खेल में ठगे भी गए हैं और आज भी भूमाफिया की लुभावनी बातों में आकर हो भी रहे हैं। क्योकि भूमाफिया स्टाम्प पेपर में जमीन की खरीदी कर सम्बन्धित किसान को उसी के जमीन के पैसे के लिए अपने आगे पीछे घुमाते हैं। भूमाफिया कुछ देकर जमीन का सौदा तो कर लेता है, फिर उसे प्लाटिंग कर उसकी बिक्री होने के पश्चात सम्बन्धित किसान को उसके पूरे पैसे धीरे धीरे किश्तों में अदा करता है। जिससे किसान परेशान हो जाता है। ऐसे ही कुछ मामले में पीड़ित किसान की शिकायत सामने आ चुकी हैं।

रेरा के नियमों को ताक में रख जमकर हो रही प्लाटिंग-
जिले में भूमाफिया रेरा के नियम कायदों को ताक में रख बिना पंजीयन प्लाटिंग का अवैध व्यापार जोरो शोरो से कर रहे हैं। कॉलोनाइजर एक्ट नियमो की धज्जियां उड़ा अवैध रूप से कालोनी बसा रहे हैं। सुविधाओ की बात कर भूमाफिया प्लाट खरीदने वाले उपभोक्ता/ग्राहक को भी ठग रहे है। जिला मुख्यालय सहित आसपास बसी कालोनी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। जहां सुविधाओं के आभाव में लोग ठगे गए हैं।

भूमाफिया से जुड़े बिचौलिए-
जमीन के अवैध कारोबार में भी आजकल बिचौलिए सक्रिय हैं। जो नकल जारी करवाने की बात कहकर भूमाफिया से जुड़ खुद को अधिकारियों का करीबी बताते है। इन्हें रोजाना एसडीएम कार्यालय के आसपास घूमते देखा जा सकता है। जो नकल जारी करवाने का हवाला देते हुए आरआई व पटवारी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
वही विभागीय सूत्र बताते है कि कुछ भूमाफिया ने तो अपना एक ग्रुप रखा हुआ है, जो नकल जारी नही होने पर आवेंदन लगाने और अधिकारियों के पास शिकायत करने का कार्य करता हैं। ये ग्रुप बाहर नियम कायदों की बात कर अधिकारियों से नियम के विपरीत कार्य करने दबाव बनाते हैं।

शहर के अंदर और आसपास बेधड़क हुई हैं प्लाटिंग-
शहर के अंदर पांडेपारा और पाररास रौशन नगर में कृषि भूमि पर जमकर अवैध रूप से प्लाटिंग की गई है। रेरा नियमो को ताक में रख और बिना पंजीयन भूमाफिया द्वारा कालोनी बसाई गई हैं। कॉलोनाइजर एक्ट का पालन भी नही किया गया हैं। बावजूद भूमाफिया द्वारा नकल जारी करने यहां सम्बन्धित पटवारी पर दबाव भी बनाया जा रहा है। जिसमें बिचौलिए भी सक्रिय हैं।

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