जांजगीर-चांपा जिला कलेक्टर के निर्देश पर प्रभारी अभिलेखागार शाखा अधिकारी डॉ सुमित गर्ग ने एक माह के प्रयासों के बाद लाये बिलासपुर से राजस्व अभिलेख

जांजगीर जांजगीर-चांपा जिला अलग घटित होने के बाद बिलासपुर जिले में ही रहे गए थे अनेकों राजस्व अभिलेख

23 वर्षों के बाद बिलासपुर से 49 पदों में लाए गए b1 पाठशाला खसरा एवं राजस्व अभिलेख

सक्ती- जांजगीर-चांपा जिले का गठन अविभाजित मध्यप्रदेश के समय मई- 1998 में होने के बाद बिलासपुर से अलग होकर बने नवगठित जांजगीर-चांपा जिले में 22 वर्षों के बाद भी अनेकों राजस्व अभिलेख तथा दस्तावेज बिलासपुर जिले के अभिलेखागार में ही रखे हुए थे, तथा जिला मुख्यालय जांजगीर में समय-समय पर विभिन्न शासकीय कार्यों में राजस्व अभिलेखों की नकल मांगने वाले लोगो को नकल उपलब्ध नहीं हो पाती थी, जिसके चलते विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था, जिसे देखते हुए बिलासपुर संभाग आयुक्त एवं जांजगीर-चांपा जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला द्वारा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय जांजगीर चांपा के प्रभारी अभिलेखागार शाखा के अधिकारी डिप्टी कलेक्टर डॉ सुमित गर्ग को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए उपरोक्त राजस्व अभिलेखों को बिलासपुर से व्यवस्थित रूप से जांजगीर लाने के निर्देश दिए गए, जिस पर अभिलेखागार अधिकारी डॉ सुमित कुमार गर्ग ने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में जांजगीर-चांपा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय से तत्काल एक दल का गठन किया, जिसमें प्रमुख रुप से मनीराम खांडेकर, प्रेम सिंह सिदार, प्रमोद कुमार वर्मा,श्रीमती सुनीता ध्रुव, सत्यनारायण राठौर, लीला राम जोगी, राकेश कुमार केवट, अरविंद पांडेय इत्यादि शामिल थे,प्रभारी लेखाकार अधिकारी डॉ सुमित गर्ग के मार्गदर्शन में पूरी टीम ने 1 महीने के अथक प्रयासों के बाद एवं परिश्रम से जांजगीर चांपा जिले के सारे राजस्व अभिलेख जिसमें प्रमुख रुप खसरा,पांच शाला,बी वन,मिशल अभिलेख,अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, सहित लगभग 49 बस्तों के रूप में जिले के राजस्व विभाग के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वहां से प्राप्त किया,तथा इस संबंध में प्रभारी लेखाकार अधिकारी डॉ सुमित कुमार गर्ग ने बताया है कि जांजगीर-चांपा जिले के इन राजस्व अभिलेखों के जिला मुख्यालय में आने से अब जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदकों को समय पर उनके द्वारा मांगे जाने वाले अभिलेखों की नकल उपलब्ध करवाई जा सकेगी, तो वही आए दिन जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी राजस्व अभिलेखों के सत्यापन की आवश्यकता पड़ती थी, तथा पुराने प्रकरणों में भी इन अभिलेखों की उपलब्धता से नकल प्राप्त करने में काफी सुविधाएं होंगी

उल्लेखित हो कि जांजगीर-चांपा जिले में 21 वर्षों बाद भी राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं होने से आए दिन शासकीय अधिकारी भी बेहद परेशान रहते थे, तथा प्रभारी अभिलेखागार अधिकारी डॉ सुमित कुमार गर्ग के नेतृत्व में उनकी पूरी टीम द्वारा की गई इस मेहनत पर लोगों ने उनका आभार व्यक्त किया है

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *