एनएमडीसी के फौलादी इरादों ने वित्तीयवर्ष 24 में 45 मिलियन टन का उत्पादन किया

हैदराबाद, भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी अब 45 मिलियन टन का आंकड़ा पार करनेवाली देश की प्रथम खनन कंपनी बन गई है। इस रविवार को समाप्त हुए वित्तीयवर्ष में कंपनी ने लौह अयस्क का 45.1 एमटी उत्पादन और 44.8 एमटी बिक्री कर वित्तीयवर्ष 24 में अभूतपूर्व आँकड़े प्राप्त किए हैं।

राष्ट्र के नवरत्न के रूप में एनएमडीसी ने अपनी योग्यता सिद्ध करते हुए वित्तीयवर्ष 2023 की तुलना में उत्पादन में 10% और बिक्री में 16% की वृद्धि की है । उद्योग की अग्रणी कंपनी एनएमडीसी ने अपनी स्थापना के बाद अब तक का सर्वश्रेष्ठ भौतिक प्रदर्शन कर भारत की लौह और इस्पात अर्थव्यवस्था के भविष्य को प्रेरित किया है।

सरकारी खनन कंपनी ने वित्तीयवर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 13.31 एमटी उत्पादन और 12.54 एमटी बिक्री दर्ज की है, जिसमें मार्च 2024 माह में 4.86 एमटी उत्पादन और 3.96 एमटी बिक्री शामिल है।

इस रिकार्ड को स्थापित करने के क्रम में, एनएमडीसी की प्रमुख लौह अयस्क खाने – छत्तीसगढ़ में किरंदुल और बचेली तथा कर्नाटक में दोणिमलै ने कंपनी के इतिहास में अपना सर्वोच्च वार्षिक उत्पादन किया है। पैलेट उत्पादन में आने वाली बाधाओं का समाधान किया गया, जिससे कि कंपनी की अधिकतम पैलेट उत्पादन मात्रा 2.65 लाख टन को प्राप्त किया गया।

क्षमता वृद्धि की दिशा में रणनीतिक कुशलता दिखाते हुए, एनएमडीसी ने वित्तीयवर्ष 2024 के लिए निर्धारित रू.1769 करोड़ के कैपेक्स लक्ष्य की तुलना में रू.2014 करोड़ के व्यय के साथ कैपेक्स के लक्ष्य को भी पीछे छोड़ दिया है।

इन उपलब्धियों को हासिल करने में, कंपनी को माननीय उच्चतम न्यायालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से आवश्यक अनुमति प्राप्त हुई है और परिणामस्वरूप वित्तीयवर्ष 24 के दौरान पन्ना, मध्य प्रदेश की अपनी हीरा खनन परियोजना में परिचालन कार्य पुन: प्रारंभ किया है ।

अपनी टीम को वित्तीयवर्ष 24 के शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हुए अमिताभ मुखर्जी, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) ने कहा कि “45 एमटी को पार करने से एनएमडीसी की विरासत को सही अर्थों में सम्मान और समृद्धि प्राप्त हुई है । इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमने अपने उद्योग की कठिनता का सामना किया है, अपनी तकनीकी और डिजिटल मजबूती बढाई है, अपने वित्तीय लचीलेपन को सुदृढ किया है और अथक परिश्रम किया है। आगे, हमारी दिशा – नवाचार, सुस्थिरता, साझा उद्देश्य और 100 मिलियन टन के मजबूत भविष्य की ओर जाती है।“

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