एनएमडीसी और सीएसआईआर-आईएमएमटी ने सहयोगी अनुसंधान समझौते पर हस्ताक्षर किए

हैदराबाद, भारत की प्रमुख खनन कंपनी एनएमडीसी ने सोमवार को सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल्स एंड मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी (आईएमएमटी) के साथ एक सहयोगी अनुसंधान समझौता किया। एनएमडीसी के मुख्यालय, हैदराबाद में दिलीप कुमार मोहंती, निदेशक (उत्पादन) और विश्वनाथ सुरेश, निदेशक (वाणिज्य) एवं वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
सहयोग समझौता “न्यूमेटिक कंवेयिंग प्रणाली में लौह अयस्क की विशेषताओं और लक्षणों” का अध्ययन करने के लिए है। इसका उद्देश्य न्यूमेटिक, अर्थात वायु की सहायता से परिवहन पाइपलाइन प्रणाली, में लौह अयस्क फाइन्स/कंसंट्रेट के व्यवहार को समझना है। यह अनुसंधान लौह अयस्क के इंटर/इंट्रा प्लांट पाइपलाइन परिवहन के लिए डिजाइन मापदंडों का पता लगाएगा। संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम भारतीय खनिज उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर और एनएमडीसी के वृहद ज्ञान और अनुभव का उपयोग करेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, दिलीप कुमार मोहंती ने उद्योग के मूल्य वर्धन हेतु परिचालन मुद्दों का समाधान करने के लिए उद्योग और अनुसंधान संगठनों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एनएमडीसी खनन में स्वदेशी तकनीक के उपयोग को बढ़ाने के लिए निवेश कर रहा है। देश के अग्रणी अनुसंधान संगठनों के साथ हमारे गठजोड इस विजन को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।“ एनएमडीसी के इन-हाउस आर एंड डी सेंटर को यूनिडो द्वारा खनिज प्रसंस्करण के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) -आईएमएमटी एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास संगठन है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने ज्ञान के लिए जाना जाता है। एनएमडीसी और सीएसआईआर-आईएमएमटी ने अतीत में महत्वपूर्ण विकास में योगदान दिया है और अब खनन के लिए एक स्मार्ट और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।

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