रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ खेली थी होली, करे ये 5 उपाय …

इस बार रंग पंचमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना और गुलाल अर्पित करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. प्राचीन काल में होली के त्योहार को कई दिनों तक मनाया जाता था, लेकिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को होली का अंतिम दिन माना जाता था.

रंग पंचमी के 5 उपाय

रंग पंचमी के दिन लोग हवा में देवी-देवताओं के निमित्त अलग-अलग फूलों से सुगंधित अबीर-गुलाल को उड़ाते है. इस दिन प्रभु श्री कृष्ण,श्री राम और प्रभु श्री विष्णु को पीला रंग अर्पित कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं तथा उनके चरणों में पीले रंग का अबीर चढ़ाएं. ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी,आध्यत्मिक ऊर्जा का विकास होगा.

रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर विराजमान लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर घर की उत्तर दिशा में स्थापित कर लें. जल का कलश भर कर रख लें फिर विधि-विधान से उनकी पूजा करें. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को तरह-तरह के फूल और गुलाल अर्पित करें फिर माखन-मिश्री का भोग लगाएं, आरती करें. आखिर में कलश में रखा जल पूरे घर में छिड़क दें. ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी एवं धन आगमन के योग बनेंगे.

इस दिन मां लक्ष्मी, बजरंगबली और भैरव महाराज को लाल रंग का गुलाल अर्पित करें, धन आगमन के साथ-साथ आपके जीवन के क्लेश दूर होंगे. मां बगलामुखी को पीले रंग का अबीर अर्पित करें एवं सूर्यदेव को लाल रंग का गुलाल अर्पित करने से सारे शोक दूर होकर मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. शनि देव को नीला रंग बहुत प्रिय होता है,उन्हें नीला रंग अर्पित करें, जीवन के कष्ट मिटेंगे.  

उड़ाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और मनवांछित इच्छाओं को पूरा करते हैं. इस दिन शरीर पर रंग नहीं लगाया जाता बल्कि हवा में रंग को उड़ाया जाता है. इस दिन आप अपने इष्टदेव का स्मरण कर आसमान में गुलाल उड़ाएं. ऐसा करने से तमोगुण का नाश होता है और जीवन में सुख और आनंद की वृद्धि होती है.

शादीशुदा महिलाओं या विवाह योग्य कन्याओं को रंग पंचमी के दिन माता पार्वती को लाल रंग का गुलाल लगा कर श्रृंगार का सामान अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से पति पर आने वाली सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और सौभाग्य बना रहता है, और कन्याओं को मनोकूल वर मिलता है.

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