किरन्दुल-भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा शनिवार शाम को फूटबाल ग्राउंड की माउसी बाड़ी से निकला।श्री गुंडिचा मंदिर में नौ दिन की प्रवास के बाद भगवान अपने भाई बहन के साथ श्री राघव मंदिर परिसर में स्थित जगन्नाथ मंदिर के लिए रवाना हुए। सुबह परंपरागत तरीके से बाल्य भोग,सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा,चकाछाड़, मंगल आरती, गौ पूजा के बाद दोपहर पहंडी आरंभ हुआ।उसके बाद एनएमडीसी परियोजना अधिशासी निदेशक आर गोविंदराजन द्वारा भगवान की रथ को विधिवत पूजा करके सोने की झाड़ू से रथ मण्डप और रास्ते को साफ़ करके छेरापहंरा का परंपरा निभाया गया।
शाम 4 बजे से भगवान की रथ वापसी का बाहुड़ा यात्रा शुरू हुआ जो फूटबाल ग्राउंड की माउसी बाड़ी गुण्डिच्चा मंदिर से बैंडपार्टी एवम् डंका ,तुरही और शंखध्वनि की धून में फूटबल ग्राउंड से पेट्रोलपंप,बैंक चौक,अम्बेडकर पार्क के सामने से होते हुए सैकड़ों भक्त एक साथ रथ को खींचते हुए श्री राघव मंदिर पहुँचे।रास्ते में बड़ी संख्या में भक्त भगवान का जय जयकार करते रहे। हजारों की संख्या में भक्तों ने भगवान का दर्शन करने के साथ साथ पूजा अर्चना भी की।श्री राघव मंदिर के सामने रथ की विधिवत पूजा आरती करने के बाद प्रसाद वितरण किया गया।