शिवरीनारायण एसडीएम पदस्थापना आदेश को यथावत रखने याचिकाकर्ता को लिखा पत्र: डॉ. शांति कुमार कैवर्त्य ने

शिवरीनारायण– छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक,धार्मिक, व्यापारिक व पवित्र नगरी तथा श्री राम वन गमन पर्यटन परिपथ के मुख्य केंद्र बिंदु रामायण कालीन शबरी-जन्मभूमि शिवरीनारायण में एसडीएम पदस्थापना आदेश जारी होने के पश्चात यहां कार्यालय प्रारंभ करने की प्रक्रिया से खफा होकर नवागढ़ ब्लाक के पूर्व अध्यक्ष बद्री केशरवानी के द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किए जाने पर हाई कोर्ट द्वारा एसडीएम पदस्थापना आदेश को निलंबित किए जाने से राज्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार मंडल छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सदस्य डॉ. शान्ति कुमार कैवर्त्य ने श्री केशरवानी को पत्र प्रेषित कर उनसे हाई कोर्ट से अपना याचिका वापस कर शिवरीनारायण में एसडीएम पदस्थापना यथावत रखते हुए नवागढ़ में भी एसडीएम स्थापना के लिए सामूहिक प्रयास करने का निवेदन किया है। डॉ. कैवर्त्य ने इसकी प्रतिलिपि प्रेषित करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नवागढ़ में भी एसडीएम कार्यालय की स्थापना आदेश जारी करने का निवेदन किया है साथ ही उन्होंने जांजगीर-चांपा जिला कलेक्टर से नवागढ़ में भी एसडीएम कार्यालय की पदस्थापना का प्रस्ताव शासन को यथाशीघ्र भेजने का आग्रह भी किया है।

पिछले दिनों एक स्थानीय समाचार पत्र ने शिवरीनारायण में एसडीएम पदस्थापना आदेश जारी होने तथा प्रथम एसडीएम आरके तंबोली के द्वारा कार्यभार ग्रहण करने और कार्यालय हेतु उचित स्थान ढूंढने की प्रक्रिया प्रारंभ करने से दुखी होकर नवागढ़ ब्लाक के पूर्व अध्यक्ष बद्री केसरवानी द्वारा एक जनहित याचिका आरके केसरवानी के माध्यम से हाई कोर्ट में पेश करने का खबर प्रमुखता से छापी। जिसमें बद्री केसरवानी ने कहा है कि नवागढ़ 1960 से ही ब्लॉक मुख्यालय है। जिसमें जांजगीर , शिवरीनारायण और नवागढ़ आते हैं और नवागढ़ 1957 में तहसील बना जबकि शिवरीनारायण अभी 2020 में तहसील बना है। इसी से दुखी होकर बद्री केशरवानी ने जनहित याचिका पेश किया जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश निलंबित किया है।
डॉ.कैवर्त्य ने मुख्यमंत्री, कलेक्टर तथा बद्री केशरवानी प्रेषित अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सन् 1891 तक शिवरीनारायण तहसील रहा है। जिसमें जांजगीर और नवागढ़ भी शामिल थे। जिसे दिसंबर 1891 में जांजगीर स्थानांतरित कर दिया गया। तब किसी ने शिवरीनारायण तहसील के स्थानांतरण का कोई विरोध नहीं किया न ही किसी ने कोई आपत्ति की। मई 1998 में जब जांजगीर-चांपा जिला बना तब भी किसी ने कोई दुख नहीं जताया और अब कुछ दिनों पश्चात जांजगीर-चांपा जिले के विभाजन करके एक नए सक्ती जिले बन रहे हैं।तब भी किसी ने कोई दुख या आपत्ति व्यक्त नहीं की और अब जब छत्तीसगढ़ के इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, धार्मिक, व्यापारिक एवं श्री राम वन गमन पर्यटन परिपथ के मुख्य केंद्र बिंदु शिवरीनारायण पुनः तहसील है और यहां की गरिमा व महत्व के दृष्टिकोण से शिवरीनारायण यहां एसडीएम पदस्थापना की गई है।तो नवागढ़ ब्लाक के पूर्व अध्यक्ष बद्री केशरवानी को दुखी नहीं होना चाहिए। बल्कि उन्हें क्षेत्रवासियों से मिलकर नवागढ़ में भी एसडीएम कार्यालय की स्थापना हेतु प्रभावी- प्रयास करना चाहिए शासन से मांग रखनी चाहिए।

शिवरीनारायण में एसडीएम पदस्थापना यथावत रखने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से डॉ. कैवर्त्य ने हाईकोर्ट से भी किया आग्रह एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से राज्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार मंडल छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सदस्य डॉ. शांति कुमार कैवर्त्य ने शिवरीनारायण के धार्मिक, ऐतिहासिक व व्यापारिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए हाईकोर्ट से शिवरीनारायण में एसडीएम पदस्थापना यथावत रखते हुए नवागढ़ में भी एसडीएम पदस्थापना के विचार हेतु शासन को निर्देश देने का निवेदन किया है।

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