दुर्ग के गायत्री पैलेस में हुआ स्वर्गीय रेखचंद अग्रवाल की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, दुर्ग के प्रतिष्ठित समाजसेवी सुनील अग्रवाल,सुधीर अग्रवाल एवं सुशील अग्रवाल के पूज्य पिता थे स्व.रेखचंद

छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों से लोग स्व. रेखचंद अग्रवाल को दे रहे अपनी सादर श्रद्धांजलि

सक्ति- दुर्ग शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी सुनील अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल एवं सुशील अग्रवाल मालवीय नगर के पूज्य पिता एवं वरिष्ठ समाजसेवी रेखचंद अग्रवाल का 3 जनवरी को आकस्मिक निधन हो गया था, तथा रेखचंद अग्रवाल ने 2 वर्ष पूर्व मरणोपरांत अपने देहदान की घोषणा की थी तथा परिवारजनों ने भी अपने पूज्य पिता के निधन के पश्चात उनके संकल्पों को पूरा करते हुए उनकी मृतदेह को रात्रि समय शंकराचार्य हॉस्पिटल को सौंप दिया, जिस पर पूरे प्रदेश वासियों ने उनकी इस अनुकरणीय पहल पर साधुवाद ज्ञापित किया, वहीं दुर्ग के गायत्री पैलेस के सभागार में नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं दवा व्यापारी स्व.रेखचंद अग्रवाल को नगर वासियों ने अंतिम पुष्पांजलि अर्पित की

दुर्ग शहर के इतिहास में शायद पहली बार किसी की पुष्पांजलि सभा इतनी बड़ी रही होगी, क्योंकि रेखचंद जी के परिवार ने स्वर्गीय रेखचंद जी का पार्थिव शरीर शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज को शोध कार्य हेतु समर्पित कर दिया थाआज के कार्यक्रम का नाम शोकसभा या श्रद्धांजलि सभा न रखकर पुष्पांजलि सभा रखा गया जिसमें नगर के प्रतिष्ठित लोगों ने रेखचंद अग्रवाल के बारे में अपने कई संस्मरण सुनाए. उनके पूरे जीवन वृत्त को अपने शब्दों में बांधते हुए प्रोफेसर डी.सी अग्रवाल ने कहा कि ना तो अर्थी सजी, ना रोना गाना हुआ, ना लाई- बताशे, पैसे और गुलाल फेंके गए, न चिता सजी, नहीं पांच कंडे डाले गए, न शोकसभा हुई,ना गरूर पुराण हुआ और एक इंसान की अंतिम विदाई पूर्ण हो गई,उन्होंने स्वर्गीय आत्मा के लिए कहा कि यदि कुछ हटकर किया और कुछ हटकर दिया तो उसे दुनिया सदैव याद रखती है, इस परिवार ने भी ऐसा साहसिक काम कर दिया जो इनके पार्थिव शरीर को मेडिकल छात्रों के लिए रिसर्च के लिए दान दे दिया

इस अवसर पर उनके परिवार की ओर से उनके पुत्र सुशील अग्रवाल ने अपने पिता के कुछ अनछुए संस्करणों को साझा किया, घर पर ही इनका इलाज कर रहे डॉ सूरी ने रेखचंद जी के मनोबल एवं उनकी मानसिक शक्ति की प्रशंसा की.नव दृष्टि फाउंडेशन के सहयोग से देहदान संपन्न हुआ था. आज इस संस्थान ने अग्रवाल परिवार को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया इस अवसर पर रेखचंद जी की पत्नी बीना देवी ने भी अपने पति की तरह आज देहदान की घोषणा कर एक ऐसी मिशाल कायम की जो बहुत कम देखने में आती है,स्वर्गीय रेखचंद अग्रवाल द्वारा लिखी गई पुस्तक विजन ब्यांड होराइजन एवं उनके अन्य लेखन पर भी चर्चा की गई,उनके सामाजिक कार्यों के साथ उनके द्वारा नगर के लोगों को कुंभ की यात्राएं कराने का भी वक्ताओं ने उल्लेख किया, अग्रवाल समाज दुर्ग एवं अग्रसेन वेलफेयर ट्रस्ट की मजबूती के लिए उनके योगदान को आज याद किया गया

गायत्री पैलेस में संपन्न श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर अग्रवाल समाज के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा ने कहा कि हमने समाज का एक मजबूत स्तंभ खो दिया है, प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी विजय गुप्ता ने स्वर्गीय रेखचंद जी के कार्यों का उल्लेख किया पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल, प्रकाश कानावर एवं संदीप देशलहरा तथा दुर्गा प्रसाद अग्रवाल नागपुर तथा दवाई व्यापारिक संघ द्वारा भी स्वर्गीय अग्रवाल को अपनी पुष्पांजलि अर्पित की गई. स्वर्गीय अग्रवाल की दो पोतिया सुरभि एवं मंजूरी ने भी अपने दादा से प्राप्त शिक्षाओं का उल्लेख किया.अंत में उपस्थित परिजनों ने अपनी आदरांजली के रूप में उनके चित्र पर फूल तथा फूलों की पत्तियां ना चढ़ाकर फल चढ़ाए यह फल बाद में परम धामी रेखचंद जी के पसंदीदा सेवा स्थल गौशालाओं में वितरित कर दिए गए,इस तरह जीते जी एवं जाते-जाते भी दान करने वाले एक 84 वर्षीय जीवात्मा का अंतिम सफर पूरा हुआ,पुष्पांजलि सभा में इनके दूर दूर के रिश्तेदार एवं बड़ी संख्या में दुर्ग भिलाई के परिजनों ने उपस्थित होकर अपनी आदरांजली अर्पित की

समाजसेवी रेखचंद के निधन पर गणमान्य नागरिकों द्वारा उनके परिवारजनों को प्रेषित संवेदनाए रूपी संदेश

समाचार सुन कर बहुत दुख हुआ, पर भगवान के आगे किसकी चली है! ईश्वर उन्हें अपनी चरणों में शरण दें,ऊ शांति

जन्म के पश्चात मृत्यु, उत्थान के बाद पतन,संचय के बाद क्षय, संयोग के बाद वियोग तो निश्चित है,यह सोच ग्यानी पुरूष को,
हर्ष और शोक के वशीभूत नहीं होने देता,- गीता सार

आदरणीय रेखचंद अग्रवाल जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज कल्याण हेतु बिताया,देवलोक गमन के पश्चात देहदान जैसा पुण्य कार्य करके आपने समाज हित में महान कार्य किया है,आप हमारे संघठन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर अग्रवाल जी के पिता थे।पूरे संघठन परिवार की ओर से काका जी को विनम्र श्रद्धांजलि

हमारे मार्गदर्शक, अग्रवाल समाज के गौरव श्रध्दैय  रेखचंद जी अग्रवाल दुर्ग के देवलोकगमन का समाचार बहुत ही दुखद है,भगवान शिव शिवा उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें, भावपूर्ण श्रद्धांजलि-प्रेम सिंघानिया रायपुर

अपने जीवनकाल में समाज व सार्वजनिक संस्थानों को मुक्तहस्त से सहयोग करनेवाले ब्रम्हलीन रेखचन्दजी अग्रवाल ने मरणोपरांत देहदान कर समाज को अनुकरणीय व अदभुत सन्देश दिया है।इन महान आत्मा को प्रभु बैकुण्ठवास प्रदान करे

ऐसे युगपुरुष को मैं नमन करता हूं, जिन्होंने जाते-जाते भी अपने शरीर को किसी के काम आने के लिए दान कर दिया, शत- शत नमन मुझे गर्व है कि हमारे समाज में ऐसे भी भामाशाह है

दुर्ग शहर के प्रतिष्ठित अग्रवाल परिवार के मुखिया व पूर्व अध्यक्ष प्रतिष्ठित दवा व्यवसाई  रेखचंद जी अग्रवाल ने अपने देहदान की घोषणा कर देहदान की वसीयत नवदृष्टि फाउंडेशन के अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, राज आढ़तिया, दीपक बंसल, सत्येंद्र राजपूत, हरमन दुलाई, रितेश जैन को सौंपी, अयोध्या अपार्टमेंट मालवीय नगर स्थित निवास में पूरा अग्रवाल परिवार ने एकत्रित हो औपचारिकताएं पूर्ण की, रेखचंद जी के पुत्र सुनील, सुधीर व सुशील अग्रवाल वसीयत के साक्षी बने रेखचंद जी की पत्री वीणा देवी अग्रवाल वसीयत सौंपते वक़्त भावुक हो गई, पुत्र सुनील अग्रवाल ने कहा बाबूजी की वर्षों से इच्छा है, की उनके जाने के बाद उनकी देह का समाज के हित में उपयोग हो उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने आज वसीयत सॉपी, नवदृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य अनिल बल्लेवार ने कहा महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष, श्याम मंदिर के संस्थापक, सचिव रेखचंद जी अग्रवाल की घोषणा से पुरे समाज में प्रभावी सन्देश जाएगा व समाज के लोग निश्चित ही इसका अनुसरण कर समाज हित में आगे आएंगे. कुलवंत भाटिया ने जानकारी दी कोरोना संक्रमण के चलते कुछ समय से देहदान व नेत्रदान प्रक्रिया स्थगित राखी गई है किन्तु हमारा प्रयास है सभी नियम व सावधानियों का पालन करते हुए शीघ्र प्रक्रिया पुनः आरम्भ की जाये, राज आढ़तिया ने कहा अग्रवाल परिवार के सदस्य सदा ही समाज सेवा के कार्यों में शामिल होते हैं व सहयोग करते हैं। सुधीर अग्रवाल जी ने हमें रक्तदान शिविर में हमेशा सहयोग किया व हमारी संस्था को जनहित के कार्यों हेतु सहयोग राशि भी प्रदान की, नवदृष्टि फाउंडेशन के अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश आढ़तिया, हरमन दुलई, प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, सत्येंद्र राजपूत, गोपी रंजन दास, पियूष मालवीय, मुकेश राठी, संतोष राजपुरोहित, रवि कुकरेजा, किरण भंडारी, चेतन जैन, चन्दन मिश्रा, यतीन्द्र चावड़ा, नत्थू अग्रवाल, खुर्शीद अहमद, आकाश मसीह, अनुराग तैलंग, वीरेंद्र पाली, अभय माहेश्वरी, प्रफुल्ल जोशी, विवेक साहू, शैलेश कारिया, मनीष जोशी, प्रसाद राव, दीपक बंसल ने अग्रवाल परिवार को साधुवाद दिया|

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