महंगाई ने बिगाड़ा खाने का जायका 70 रुपए किलो बिक रहा टमाटर

रायपुर। नींबू के बाद अब टमाटर के दाम जून की शुरुआत से ही चढ़ गए हैं। महंगाई से जूझ रहे आम लोगों के लिए यह बड़ा झटका है। 3 जून को रायपुर के सब्जी बाजार में टमाटर 60- 80 रुपये किलो बिक रहा था । शास्त्री बाजार में ही टमाटर 70 रुपए किलो बिक रहा है। अगले दो से तीन सप्ताह तक टमाटर की कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है। टमाटर ही नहीं, अन्य जरूरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं। गौरतलब है कि राजधानी रायपुर सहित देश के तमाम बड़े शहरों में टमाटर का भाव आसमान छू रहा है। दिल्ली-मुंबई में टमाटर 100 रुपए किलो तक बिक रहा है।

राशन, किराना के साथ अब सब्जी भी महंगी :भीषण गर्मी में जहां लोगों को ठंडे पानी से राहत मिलनी चाहिए वहां लोगों को सूरज की भीषण तपिश के साथ महंगाई ने बुरा हाल कर रखा है। देश में देखते ही देखते पिछले 6 माह में किराना सामनों में 24 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले चार में से लोग इंचजार कर रहे थे कि जनवरी फरवरी में ठंड में सब्जी-भाजी के दाम कम होंगे । लेकिन उस समय भी काने का तेल आसमान पर पहुंच गया, गैस सिलेंडर हजार के उपर चला गया। इस तरह मध्यमवर्गीय परिवारों का घरेलू बजट ऐसा बिगड़ा की सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब साग-भाजी में टमाटर ने नाक में दम कर दिया है। पूरे राजधानी के अलग अलग बाजारों ने 80 से 1000 रुपए किलो टमाटर बिक रहे है। जबकि लौकी-कद्दू, बरबट्टी, करेला, परवल के साथ भाजी 30 रुपए किलो बिक रहा है। भिंडी को 10 रुपए किलो में कोई पूछ नहीं रहा है। लेकिन टमाटर पर महंगाई की नजर पड़ते ही सौ के पार होने के कगार पर पहुंच गया है।
क्यों महंगा हुआ टमाटर : जहां कमोडिटी की आपूर्ति में कमी के कारण कीमतों पर असर पड़ा है, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में मार्च-अप्रैल की गर्मी ने उत्पादन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। सब्जियों के दाम आसमान छूने से उपभोक्ताओं के मासिक बजट पर भी असर पड़ा है। खाद्य मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत में टमाटर की औसत खुदरा कीमत पिछले महीने 70 फीसदी और पिछले साल की तुलना में 168 प्रतिशत बढ़ी है।

लगातार बढ़ रही महंगाई : भारत में खाना पकाने के तेल से लेकर गेहूं के आटे तक हर चीज की कीमतें चढ़ गई हैं, जिससे अप्रैल में मुद्रास्फीति 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। सरकार ने हाल ही में गेहूं और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। इससे बाकी देशों के नाराज होने का खतरा है। वहीं रिजर्व बैंक मई में बढ़ोतरी के साथ आश्चर्यजनक रूप से इस महीने ब्याज दरों में एक और वृद्धि की ओर बढ़ रहा है। टमाटर सहित खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर राजनीतिक भी तेज हो गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है।

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