कोरोना से जंग में भारत का एक और बड़ा कदम, नेज़ल वैक्सीन के ट्रायल को मिली मंजूरी

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए भारत में अब 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण जारी है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इसका ऐलान करने के बाद 1 जनवरी 2022 से पंजीकरण शुरू हुआ और 3 जनवरी से वैक्सीन लगनी शुरू हो गई।  भारत में नेजल वैक्सीन (नाक के माध्यम से दी जाने वाली वैक्सीन) के ट्रायल की इजाजत दे दी गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने वैक्सीन निर्माता स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक को यह इजाजत दी है।

ट्रायल सफल होने के बाद बूस्टर डोज के तौर पर nasal vaccine का इस्तेमाल किया जाएगा। बच्चों के टीकाकरण के दूसरे दिन कोरोना वायरस वैक्सीन की 37.5 लाख से अधिक डोज़ दी गई। दूसरे दिन गुजरात और मध्य प्रदेश 10 लाख से ज्यादा टीकाकरण के साथ सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का नाम है, जहां 9 लाख से अधिक बच्चों को कोवैक्सिन की पहली डोज़ दी गई थी। तेलंगाना में भी करीब आठ लाख को कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली खुराक के साथ वैक्सीन लगाई गई।

वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने हाल ही में अपनी 18+ आबादी का 100 फीसद टीकाकरण पूरा किया है, मगर कोरोना वायरस के खिलाफ 15-18 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए अभी तक रफ़्तार नहीं मिल सकी है। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेश जिनकी 15-18 आयु वर्ग में बड़ी आबादी है, वे भी विशेष समूह के टीकाकरण अभियान में पीछे रह गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नवीनतम बुलेटिन में जानकारी दी है कि 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के 81,45,038 बच्चों को दो दिनों में पहली खुराक मिली है।

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