कहते हैं कि एक झूठ को छिपाने के लिए 100 झूठ बोलने पड़ते हैं। एक ऐसा ही मामला तेलंगाना के वारंगल में देखने को मिला। जहां एक अपराधी ने अपने एक अपराध को छुपाने के लिए कई और लोगों की जान ले ली थी।
बता दें कि तेलंगाना के वारंगल जिले में 9 लोगों की हत्या के आरोप में संजय कुमार यादव को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। उसने अपने पहले के किए गए अपराधों और हत्या को छिपाने के लिए 9 को मार डाला था।
वारंगल जिला मुख्यालय शहर के बाहरी इलाके में गीसुगोंडा ब्लॉक के गोरेकुंटा गांव में हुई सामूहिक हत्याओं ने तेलंगाना में सनसनी मचा दी थी। इन हत्याओं के बाद लोगों में दहशत का माहौल था।
संजय यादव के एक महिला रफीका के साथ अवैध संबंध थे जिसके बाद उसने रफीका की हत्या कर दी थी।
बता दें कि रफीका एक तलाकशुदा और मकसूद आलम की भाभी थीं, जिनके साथ संजय पहले काम कर चुका था और जो संजय को अच्छी तरह से जानते भी थे।
मकसूद का गुनाह यह था कि उसने और उसकी पत्नी ने रफीका के लापता होने के बारे में पूछताछ शुरू कर दी थी और उंगली सीधे संजय पर उठ रही थी।
खाने में मिलाई नींद की दवा और उतारा मौत के घाट
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आलम और उसकी पत्नी रफीका के लापता होने पर पुलिस के पास न जाएं, संजय ने उनके खाने में नींद की गोलियां मिला दीं और जब वे सो गए, तो उन्हें बोरे में भरकर एक सुनसान कुएं में फेंक दिया। उसने ऐसा उन सभी लोगों के साथ किया जो उस रात आलम के साथ थे, जिसमें मकसूद का पोता भी शामिल था।
वारंगल पुलिस द्वारा इसका पर्दाफाश करने से पहले यह कई दिनों तक तक यह मामला ब्लाइंड मामला था।