चीन से अब भारत पहुंचा HMPV वायरस, 2 केस मिलने से हड़कंप, केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर

कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में लंबा लॉकडाउन लगा रहा और लाखों लोगों की मौत भी हुई. लगभग 4 साल बाद इस महामारी से उबरने के बाद चैन की सांस ली ही थी कि अब एक और वायरस ने दुनियाभर में चिंताएं बढ़ा दी हैं. दरअसल, रिपोर्ट्स बताती हैं कि चीन घातक कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चार साल बाद एक और महामारी से जूझ रहा है. इस महामारी का कारण एक वायरस है जिसका नाम है, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV).

इस वायरस के कारण कई देश इसके प्रसार पर निगरानी रख रहे हैं. दुनिया के साथ भारत ने भी इस पर निगरानी रखनी शुरू कर दी गई है. अब बेंगलुरु के अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है. हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है, ‘हमने हमारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया है. यह रिपोर्ट एक प्राइवेट हॉस्पिटल की है.’

हेल्थ एक्सपर्ट्स ने HMPV पर चिंता जताई है जो एक रेस्पिरेट्री (श्वसन) वायरस है जो कई एशियाई देशों को प्रभावित कर रहा है. रॉयटर्स में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हाल ही में पाए गए मामलों में राइनोवायरस और मानव मेटान्यूमोवायरस जैसे रोगाणु (pathogens) शामिल हैं. विशेष रूप से चीन के उत्तरी प्रांतों में 14 वर्ष से कम आयु के लोगों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.’ हालांकि, इस संक्रमण में वृद्धि की जांच की जा रही है क्योंकि अभी सर्दियों का मौसम चल रहा है और यह संक्रमण सर्दियों के मौसम में फैलने वाली सामान्य यानी श्वसन बीमारियों (सर्दी, खांसी, जुकाम) जैसा ही है. रिपोर्ट के अनुसार, HMPV इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 जैसे कई वायरस के साथ मिलकर तेजी से फैल सकता है.

ऐसे में सभी के लिए यह जानना काफी जरूरी हो जाता है कि आखिर यह वायरस क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है. तो आइए विस्तार से जानते हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में HMPV के दो मामलों का पता लगाया है. इसके अलावा, ICMR और इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलेंस प्रोग्राम (IDSP) नेटवर्क के वर्तमान आंकड़ों के आधार पर, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य उछाल नहीं आया है.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, कर्नाटक के प्रिंसिपल सेकेट्री और हेल्थ कमिश्नर हर्ष गुप्ता (आईएएस) का कहना है, ‘बच्चे में HMPV का पाया जाना कोई असामान्य बात नहीं है. पहले भी हमने कई मरीजों में HMPV से जुड़े मामले देखे हैं. इसमें चिंताजनक कुछ भी नहीं है, इसलिए किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. अगर HMPV का कोई नया स्ट्रेन है तो आईसीएमआर को हमें निर्देश या अपडेट गाइडलाइन भेजनी चाहिए. अभी तक इसके लिए कोई खास प्रोटोकॉल जारी नहीं किया गया है. बच्चे की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. अभी तक इस वायरस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है.’

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