नेरचौक। हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब बनाई जाएगी। इसके तहत एक ही ब्लड सैंपल से मरीज के सौ टेस्ट हो पाएंगे। दिल्ली एम्स की तर्ज पर यह सुविधा हिमाचल के सभी सरकारी मेडिकल कालेजों में उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब खोली जाएंगी और इसके ऊपर सरकार करीब 75 करोड़ खर्च करने जा रही है। नेरचौक मेडिकल कालेज पंहुचे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि अब एक ही ब्लड सैंपल से खून के सौ टेस्ट हो पाएंगे। इलाज के लिए आए मरीज से बार बार ब्लड सैंपल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार भवन बनाने की बजाय मेडिकल कालेजों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की ओर बढ़ रही है।
इसके लिए चरणबद्ध तरीके से अस्पतालों में आधुनिक मशीनरी की व्यवस्था की जा रही है। सीएम ने कहा कि जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों में एम्स, दिल्ली की तर्ज पर एक ही ब्लड सैंपल से 100 टेस्ट किए जाएंगे। स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब के लिए 75 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त डिपार्टमेंट ऑफ एमरजैंसी मेडिसिन में 38 पद स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान सरकार को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों की खराब हालत विरासत में मिली, लेकिन आज एम्स स्तर की तकनीक मेडिकल कॉलेजों में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के डाक्टर प्रतिभाशाली हैं, लेकिन पुरानी तकनीक के कारण उन्हें मरीजों के इलाज में परेशानी आती है।