हलचल… आदतन बाहरी

thethinkmedia@raipur

बृजमोहन को लोकसभा प्रत्याशी बनाने के मायने?

रायपुर लोकसभा सीट से रमेश बैस लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में रमेश बैस की टिकट कटी तब भी सुनील सोनी यहां से रिकार्ड मतों से चुनाव जीत गए। कुल मिलाकर राजधानी और आसपास के इलाकों में जनता भाजपा पर लगातार विश्वास जताते रही है। इस बार राज्य की राजनीति में बेहद मजबूत चेहरा बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है। बृजमोहन वर्तमान में विष्णुदेव सरकार में केबिनेट मंत्री हैं, ऐसे में उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारने के मायने क्या है? आम जनता का मानना है कि रायपुर लोकसभा सीट से कोई भी भाजपा नेता आसानी से चुनाव जीत सकता था। फिर बृजमोहन को ही मैदान में क्यों उतारा गया? खैर अब बृजमोहन अग्रवाल चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। इतिहास के पन्नों को देखें तो दिवंगत नेता विद्याचरण शुक्ल और मोतीलाल वोरा के अलावा अब तक छत्तीसगढ़ के किसी भी नेता को केन्द्र सरकार में केबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया। डॉ. रमन सिंह, रमेश बैस, स्व. दिलीप सिंह जुदेव, डॉ. चरणदास महंत, विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह सभी को केन्द्रीय राज्य मंत्री के ओहदे से ही संतोष करना पड़ा। अब ऐसे में बृजमोहन चुनाव जीतने में कामयाब होते हैं, तो उन्हें क्या मोदी केबिनेट का हिस्सा बनाया जाएगा? यह सवाल लोगों के जेहन में घूम रहा है। या बृजमोहन अग्रवाल को भी राज्यमंत्री से संतोष करना पड़ेगा। खैर यहां भी बृजमोहन के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। यदि सरोज पांडे कोरबा से चुनाव जीतने में कामयाब होती हैं तो वह कांग्रेस के गढ़ को भेदने वाली एकमात्र नेत्री के रुप में सामने उभरकर आयेंगी। बृजमोहन की पकड़ जितना ही राज्य की राजनीति में है, उतनी ही पकड़ सरोज केन्द्र की राजनीति में रखती हैं। सरोज के पास लोकसभा और राज्यसभा दोनों का अनुभव भी है। फिलहाल ऐसे में आगे बृजमोहन को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी यह तो निकट भविष्य में ही स्पष्ट हो पाएगा।

आदतन बाहरी

आज से कुछ माह पहले तक भीतरी और बाहरी की गूंज गांव-गलियों से लेकर राज्य की सबसे बड़ी पंचायत तक सुनाई देती थी। राजनीतिक स्वार्थ के चलते भीतरी और बाहरी का झंडा बुलंद किया जाता रहा। लेकिन यह राजनीति है साहब कई बार मुद्दा घूमकर अपने गले भी पड़ जाता है। भाजपा ने सरोज पांडे तो कांग्रेस ने डॉ. शिव डहरिया, ताम्रध्वज साहू, भूपेश बघेल की लोकसभा चुनाव में पैराशूट लैंडिंग की है। कांग्रेस के डॉ. शिव डहरिया आदतन बाहरी घोषित हो चुके हैं। दरअसल में डहरिया पहले  पलारी फिर बिलाईगढ़़, उसके बाद आरंग विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे। इन जगहों में डहरिया राजनीतिक विश्वास हासिल करने में सफल नहीं हुए। वर्तमान में आरंग से विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह जांजगीर लोकसभा के लिए चल दिए हैं। वहीं ताम्रधज साहू की दुर्ग से पैराशूट लैंडिग महासमुंद की गई है। इसके पहले ताम्रध्वज साहू दो बार धमधा, दो बार बेमेतरा, एक बार दुर्ग ग्रामीण से विधानसभा तो वहीं एक बार दुर्ग से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। अब विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनकी महासमुंद लोकसभा के लिए पैराशूट लैंडिग की गई है। इसके साथ ही भूपेश बघेल एक बार रायपुर लोकसभा से चुनाव हार चुके हैं, अब वह राजनांदगांव में किश्मत आजमाने जा रहे हैं। कहते हैं कि इन सभी लोकसभा सीटों में बाहरी और भीतरी का मुद्दा तूल पकडऩे लगा है। यह मुद्दा कभी कांग्रेस के लिए अस्त्र हुआ करता था, अब वह भाजपा के लिए ब्राम्हास्त्र बन गया है।

आईएफएस अफसरों की तबादला सूची जल्द

आईएएस और आईपीएस अफसरों के बाद अब आईएफएस अफसरों की तबादला सूची बनकर तैयार है, कभी भी यह सूची जारी हो सकती है। इसमें तकरीबन 25 से 30 अफसरों का ट्रांसफर किये जाने की खबर है। अचार संहिता से पहले यानि की 13 मार्च तक यह सूची जारी की जा सकती है। जिसमें कई वनमंडलाधिकारियों के प्रभार बदले जाएंगे। वहीं दुर्ग सीसीएफ को भी हटाए जाने की खबर है। दरअसल में दुर्ग सीसीएफ दिलराज प्रभाकर को पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर का करीबी बताया जाता है। दिलराज प्रभाकर को कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। दरअसल में दिलराज अभी दुर्ग रेंज के प्रभारी सीसीएफ हैं, इस वन वृत्त के अंतर्गत वह मोहला मानपुर में डीएफओ भी रह चुके हैं, वहीं कवर्धा से भी उनका खासा जुड़ाव है। इसके साथ ही मालिक मकबूजा कांड में भी दिलराज आरोपी हैं। ऐसे में आने वाले समय में वर्तमान सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।

बलौदाबाजार की माटी और सदानंद

ऐसा बहुत कम होता है कि एक ही जिले में दूसरी बार कप्तानी करने का अवसर मिल जाए। 2010 बैच के आईपीएस अफसर सदानंद कुमार दूसरी बार बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक बनाए गए हैं। इसके पहले सदानंद वर्ष 2014 में बलौदाबाजार के एसपी रह चुके हैं, हालांकि उनका यह कार्यकाल बहुत कम समय का रहा। सदानंद को बलौदाबाजार की माटी अपनी ओर खींच रही है। संयोगवश 2010 में सदानंद यहां एसडीओपी भी रह चुके हैं। मूलत: बिहार के रहने वाले सदानंद सरल और बेहतर पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं। इसके पहले वह रायगढ़ जिले के पुलिस कप्तान थे। अब वह फिर एक बार बलौदाबाजार की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं।

अनिला और लखमा

कांग्रेस ने लोकसभा के लिए 6 सीटों में प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिये हैं। 6 में से सिर्फ एक महिला उम्मीदवार ज्योत्सना महंत को मौका मिल पाया है। कांग्रेस महिलाओं के आरक्षण पर लगातार जोर देती रही है। अब ऐसे में माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री अनिला भेंडिय़ा को कांकेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। वहीं कवासी लखमा अपने पुत्र को इस लोकसभा चुनाव में लांच करने पर जोर दे रहे हैं, इसके लिए जमकर लांबिग भी की जा रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान बस्तर क्षेत्र में लखमा अपनी साख बचाने में कामयाब हुए हैं। कांग्रेस के अन्दरखाने में यह चर्चा है कि दीपक बैज की जगह बस्तर से हरीश लखमा को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। वहीं खबर यह भी है कि पूर्व मंत्री अनिला भेडिय़ा ने लोकसभा चुनाव लडऩे की अनिच्छा जाहिर की है। हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी अनिच्छा जाहिर की थी।

दो महीने में दूसरी बार अंकित के विभाग बदले

राज्य में आईएएस अफसरों की पोष्टिंग में जमकर उठा-पटक चल रही है। भूपेश सरकार में विशेष सचिव अंकित आनन्द को सीएसपीडीसीएल का चेयरमैन बनाया गया था। सरकार बदलते ही इस पद पर अब पी दयानंद को बिठा दिया गया है। हालांकि अंकित और दयानंद एक ही बैच 2006 के अफसर हैं। इसके पूर्व इस पद में सीनियर आईएएस या तो रिटायर्ड आईएएस विराजमान होते रहे हैं। अंकित को यहां से हटाकर सचिव वित्त की जिम्मेदारी दी गई थी, अब उन्हें वित्त विभाग से भी हटा दिया गया है। केन्दीय प्रतिनियुक्ति से लौटे 2005 बैच के अफसर मुकेश बसंल को वित्त विभाग का नया सचिव बनाया गया है। कुल मिलाकार दो महीने में अंकित के विभाग में यह दूसरा फेरबदल है। अंकित आंनन्द अब वाणिज्य कर, उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम के सचिव बनाए गए हैं। इसके साथ ही केन्द्र से लौटे 2003 बैच के आईएएस अफसर अविनाश चम्पावत को राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास की जिम्मदारी सौंपी गई है। भाजपा संगठन के निशाने में रहे 2002 बैच के अफसर केपी सिंह से जीएडी छीन लिया गया है।

editor.pioneerraipur@gmail.com

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *